क्राइम

यूपी के व्यव्साई से पूर्व स्टाफ के साथ मिलकर चालक और कंडक्टर ने किया धोखा, पुलिस ने बरामद किये साढ़े 29 लाख रूपये नगद  

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। पूर्व स्टाफ के साथ मिलकर एक रोड़वेज बस के कंडक्टर और चालक ने उत्तर प्रदेश के व्यवसाई के विश्वास और भरोसे के साथ धोखा किया है, लेकिन पुलिस ने त्वरित कार्रवाई इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। यह औरंगाबाद पुलिस के लिए बड़ी सफलता बताई जा रही है। दरअसल कांड के कुछ घंटों के बाद पुलिस ने एक रोड़वेज बस से साजिश के तहत गबन कीए गए साढ़े 29 लाख रूपयों के साथ चालक कंडक्टर और एक पुर्व स्टॉफ को गिरफ्तार किया गया है। इनकी पहचान कंडक्टर बारूण थाना क्षेत्र के सिरिस गांव निवासी रवि रंजन सिंह, चालक गया ज़िले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के लखौमपुर गांव निवासी मो. शाहिद हुसैन एवं पूर्व स्टाफ देव थाना क्षेत्र के देव निवासी धनंजय सिंह के रूप में की गई है।

दरअसल चेतक रोडवेज बस झारखंड के धनबाद से साढ़े 29 लाख रुपयों का पार्सल लेकर रोहतास ज़िले के सासाराम के लिए निकाली थी लेकिन बीच रास्ते में देव मोड़ के समीप चालक कंडक्टर एवं पुर्व स्टॉफ ने योजना के तहत उक्त रुपयों को पूर्व स्टाफ धनंजय सिंह के घर पर छुपा दिया और रुपयों के मालिक को फोन किया जिसमें बताया कि सारे रूपये को डायल 112 टीम की पुलिस ने मारपीट कर लूट लिया गया है। इस संबध में उत्तर प्रदेश के महराजगंज ज़िले के पनियरा थाना क्षेत्र अंतर्गत सतगुर निवासी संतोष कुमार जायसवाल ने तत्काल घटना की सूचना पुलिस को दी। कांड की गंभीरता के आधार पर पुलिस अधीक्षक स्वप्ना गौतम के निर्देश पर सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी – 01 संजय कुमार पांडे एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी – 02 अमित कुमार के नेतृत्व एक विशेष टीम का गठन किया गया जिसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुऐ घटना के कुछ ही घंटो बाद पुलिस ने रुपयों के साथ इन तीनों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में अभियुक्तों ने अपनी अपराध स्वीकार की हैं।

अयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी – 01 संजय कुमार पांडे ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुऐ कंडक्टर चालक एवं पूर्व स्टाफ को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से लूट का 29.50 लाख रूपये भी बरामद किया गया है। उन्होंने बताया कि इस संबध में उत्तर प्रदेश के सिद्धिविनायक फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक संतोष कुमार जायसवाल ने बताया कि उनका देश के अलग-अलग राज्यों में करोबार हैं। इसके पहले भी वे विश्वास और भरोसे पर चालक और कंडेक्टर के मध्यम से पैसों की पार्सल डिलिवरी हुई है। ये उक्त रूपये धनबाद के रहने वाले फर्म स्टाफ सीबू कुमार प्रामाणिक उर्फ विशाल के द्वारा आसपास से नगद कलेक्शन किया गया था जिसे सासाराम पहुंचाने की ज़िम्मेदारी कंडक्टर को दी गई थी।

उन्होंने बताया कि इस कांड की उद्भेदन और उक्त रुपयों की बरामदगी बहुत जरुरी थी। इन तीनों ने मामले में डायल – 112 की टीम पुलिस को आरोपित बनाया था। पूछ-ताछ में आरोपियों ने बताया कि उनकी इसमें योजन थी, ये आरोप पुलिस पर लगेगी तो मालिक रुपयों की खोजबीन नहीं करेगे और इसके बाद रूपयों को आपस में बाट लेंगे। आरोपियों को ऐसा अंदेशा था कि उक्त रूपये अवैध हैं। उन्होने बताया कि संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई के उपरांत आरोपियों को जेल भेज दिया गया। फ़िलहाल घटना के हर बिंदु पर पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है, ये रूपये वैध है या अवैध। इस संबध में व्यवसाई से आय की स्त्रोत का पता लगाया जायेगा। इस छापेमारी दल में सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी – 01 संजय कुमार पांडे, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी – 02 अमित कुमार, प्रशिक्षु पुलिस उपाधिक्षक सह मुफ्फसील थानाध्यक्ष मनीषा बेबी, पुलिस निरीक्षक अशोक कुमार, देव थानाध्यक्ष विकाश कुमार, डी०आई०यू० से पुलिस अवर निरीक्षक रामएकबाल यादव, कन्हैया शर्मा, स०अ०नि० सुरेन्द्र कुमार, नंदकिशोर कुमार एवं सिपाही मुन्ना कुमार सहित अन्य शामिल थे।

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