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दो महापुरुषों की प्रतिमा का हुआ अनावरण , समारोह में पहुंचे कई दलों के दिग्गज नेता, पुर्व राज्यपाल ने पृथ्वीराज चौहान को बताया राष्ट्र गौरव के प्रतीक

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद । शहर के ब्लॉक मोड़ पर पृथ्वीराज चौहान एवं चंद्रवरदाई के प्रतिमा का अनावरण किया गया। इस समरोह में केरल एवं नागालैंड के पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार, सांसद सुशील कुमार सिंह, पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह, मुख्य अतिथि पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह, विदेश से पृथ्वीराज के अस्थि कलश लाने वाले राजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेर सिंह राणा, नबीनगर विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह, विधायक आनंद शंकर सिंह ने संयुक्त रूप से किया। अनावरण के पश्चात गेट स्कूल के मैदान में विशाल सभा का आयोजन किया गया। मौके पर लोगों को संबोधित करते हुऐ पुर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा कि यह गौरव का क्षण है। देशभर में कहीं भी एक साथ इन दोनों महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित नहीं की गई है। लेकिन औरंगाबाद जिला पहला ऐसा जिला बना जहां दोनों महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित की गई। उन्होंने कहा कि सम्राट पृथ्वीराज चौहान भारत वर्ष के महान सम्राट थे, वो शब्दभेदी बाण चलाने में निपुण थे। उन्होंने विदेशी आक्रमण कारियों को युद्धभूमि में अनेकों बार परास्त किया। आज के युवाओं को सम्राट पृथ्वीराज चौहान का अनुसरण करना चाहिए, और देश के लिए सबकुछ बलिदान करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। सांसद सुशील कुमार सिंह ने कहा कि प्रतिमा अनावरण के माध्यम से हम पूर्वजों के ऋण उतारते हैं। पूर्वजों ने जो देश में अपनी त्याग से नजीर स्थापित की है उससे हम ऋण मुक्त तभी हो सकते हैं जब हम उन्हें याद करें। इतिहासकारों ने पृथ्वीराज के साथ अन्याय जरूर किया है लेकिन उसे दरकिनार करते हुए हमें अपने पूर्वजों की विरासत को संजोना है। उन्होने कहा कि मोहम्मद गोरी अपने साम्राज्य के विस्तार में पृथ्वीराज चौहान को बाधक मानता था जिससे उसने 16 बार युद्ध किया, परंतु उसकी हार हुई। पृथ्वीराज चौहान बचपन से ही एक कुशल योध्दा थे। उन्होने युद्ध के अनेक गुण सीखे थे। उन्होने अपने बाल्यकाल से ही शब्द भेदी बाण विद्या का अभ्यास किया था। यह भारत वर्ष के आखिरी हिदू शासक रहे। 11 वर्ष की उम्र में पिता के देहांत के बाद दिल्ली और अजमेर के शासक बने। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा कि मूर्ति की स्थापना हमारे स्वाभिमान का प्रतीक है। आज हम जिस मोड़ पर खड़े है यह संक्रमण का दौर है। हदबंदी की चर्चा की। पूंजिपतियों के संपति को सीमित किया जाना चाहिए। राम मंदिर पर चर्चा की। सीतामढ़ी में सीता जी का भी भव्य प्रतिमा स्थापित किया जाना चाहिए। निखिल कुमार ने ट्रस्ट के सदस्यों को बधाई दिया। क्षत्रियों ने सर्वदा देश के लिए बलिदानी धर्म निभाकर देश और समाज की रक्षा एवं सेवा की है। उन्होने कहा कि पृथ्वीराज चौहान बचपन से इन्होंने शस्त्र और शास्त्र दोनों विद्या में अपनी निपुणता हासिल की। इनके वीरता की कहानी दूर-दूर तक प्रसिद्ध थी। नबीनगर विधायक विजय कुमार सिंह ने कहा कि कोई संस्था द्वारा यदि प्रतिमा लगाई जाए तो हम उसे तन मन धन से सहयोग करेंगे। आनंद शंकर सिंह ने कहा कि महापुरुषों की प्रतिमा हमें विरासत से परिचय कराती है। यह भी कहा कि दानी बिगहा के सत्येंद्र नारायण पार्क में पूर्व मुख्यमंत्री सत्येद्र नारायण सिंह की प्रतिमा का अनावरण भी शीघ्र किया जाना चाहिए। पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह ने कहा कि हम वादा करते हैं कि ट्रस्ट के सदस्यों को हर संभव मदद करेंगे। शिवहर विधायक चेतन आनंद ने कहा कि हजारों साल बाद आज की प्रतिमा का अनावरण यह दर्शाता है कि हम गुलामी की मानसिकता को कबूल नहीं कर सकते। शेर सिंह राणा ने कहा कि प्रतिमा स्थापित हमारी संस्कृति का धरोहर है। हम आनेवाली पीढ़ी को बता सकते हैं कि हमारे पूर्वजों ने यादगार बना सकते हैं। पृथ्वीराज चौहान स्वाभिमान के प्रतीक हैं। उदय गुप्ता ने पृथ्वीराज के वीरता एवं धीरता की चर्चा की तो अशोक कुमार सिंह ने पटना में पृथ्वीराज चौहान के प्रतिमा स्थापना में कराने का आश्वासन दिया। सतीश कुमार सिंह ने संबोधन में कहा कि लाख बाधा होगी लेकिन कहीं महापुरुष के प्रतिमा का स्थापना होगा तो हम हर संभव मदद करेंगे। इस मौक़े पर सर्वप्रथम प्रतिमा अनावरण के पूर्व षोडशोपचार विधि से योग्य आचार्य धनंजय जयपुरी एवं श्रीराम पांडेय के नेतृत्व में पूजन अर्चन किया गया। इस समारोह का स्वागत भाषण राघवेंद्र प्रताप सिंह ने दिया। विषय प्रवेश प्रो. विजय कुमार सिंह ने किया। भूमिका डॉ ज्ञानेश्वर सिंह ने किया। अनावरण के मौके पर राजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह, पूर्व विधायक अशोक कुमार सिंह, कोऑपरेटिव के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह पूर्व विधान पार्षद राजन कुमार सिंह, पूर्व विधायक सुरेश मेहता, संयोजक जगदीश सिंह, डॉ संजीव रंजन, संचिव स्वर्णजीत सिंह, कोषाध्यक्ष विकास सिंह, मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी, चंद्रप्रकाश विकास, डा ऋत्विक, जयंत प्रकाश, भीम सिंह सत्येंद्र नारायण सिंह, चंदन सिंह चौहान, मनोज सिंह अभिषेक सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

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