औरंगाबाद। नशा मुक्ति अभियान के तहत कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण, जिला प्रशासन व मध निषेध विभाग के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को मैराथन दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता की शुरूआत पुलिस केंद्र औरंगाबाद से की गई। जहां डीडीसी अभ्येंद्र मोहन सिंह, ज़िला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह, सदर एसडीओ विजयंत, डीटीओ बालमुकुंद प्रसाद, सदर एसडीपीओ स्वीटी सहरावत समेत अन्य ज़िले के पदाधिकारियों ने मैराथन धावकों को हरि झंडी दिखाकर गंतव्य स्थान के लिए रवाना किया।
यह मैराथन दो श्रेणियों में आयोजित की गई जिसमें
पहली श्रेणी में 05 किमी की दौड़ निर्धारित की गई थी जिसमें 16 वर्ष से कम आयु के प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस आयु के प्रतिभागियों ने पुलिस केंद्र से शहर के एपीजे अब्दुल कलाम पार्क पहुंचे। वहीं दूसरी श्रेणी के दौड़ 10 किलोमीटर के दौड़ में 16 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह दौड़ पुलिस केंद्र औरंगाबाद से फेसर स्थित विद्युत सब स्टेशन तक आयोजित की गई। इस अवसर पर डीडीसी अभ्येंद्र मोहन सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन एवं सामाजिक संगठनों के सहयोग से यह नशा मुक्ति अभियान के तहत मैराथन दौड़ प्रतियोगिता आयोजित किया गया। उन्होंने नशे के दुष्प्रभाव व विशेष रूप से युवाओं को नशे से दूर रहने का आह्वान किया। कहा- नशा मुक्त व्यक्ति ही समाज को नई दिशा व दशा प्रदान कर सकता है। इस मैराथन के सफल प्रतिभागियों को ज़िला प्रशासन की ओर से पुरस्कार व सम्मान स्वरूप प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
सदर एसडीओ विजयंत ने कहा कि बिहार सरकार के निर्देशानुसार नशा मुक्ति अभियान को लेकर यह मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। इस मैराथन के माध्यम से इन बच्चों व युवाओं के द्वारा नशा मुक्त अभियान को घर-घर तक पहुंचाना हैं। इस दौरान दो तरह की दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 16 आयु वर्ष से कम आयु के लिए पांच किलोमीटर जबकि इस आयु वर्ष से अधिक के लिए 10 किलोमीटर की दौड़ निर्धारित किया गया। इन दोनों श्रेणियों में सफल प्रतिभागियों में प्रथम, द्वितीय व तृतीय को क्रमशः 5000, 3000, 2000 एवं चतुर्थ से दसवें प्रतिभागी को 1000 रूपये नगद राशि एवं जिला प्रशासन के द्वारा प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया।
इस दौरान धावकों की सुरक्षा व्यवस्था यथा ज़िला स्वस्थ्य विभाग की ओर से मेडिकल की पुख्ता व्यवस्था की गई। वहीं जगह-जगह एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था उपलब्ध कराएं गए। इस दौरान हर 100 मीटर पर देख रेख को लेकर चार से छह मजिस्ट्रेट, शिक्षक व स्काउट गाइड्स लगाए गए जिसमें इसके अलावा 20 से 22 प्रमुख जगहों पर दंडाधिकारी व पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति किए गए। विधि व्यवस्था को लेकर शनिवार को ही फिजिकल वेरिफिकेशन कर लिया गया था। प्रतिभागियों के लिए पीने के लिए स्वच्छ पेयजल एवं अन्य खाद्य पदार्थों की उपलब्धता की गई। उन्होंने आगे कहा कि नशीले पदार्थों का सेवन सबसे भयानक है। नशा एक ऐसा विषाक्त दुश्मन है जो मनुष्य जीवन को नष्ट कर देता है। ऐसे में हमे संकल्प लेना होगा कि हम नशे से दूर रहेंगे।
सदर एसडीपीओ स्वीटी सहरावत ने कहा कि इस मैराथन में प्रतिभागियों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया। इस तरह के आयोजन में शामिल प्रतिभागी अपने-अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को नशा मुक्ति के लिए प्रेरित करें और इसे लेकर जागरूकता फैलाएं। इस मैराथन को लेकर प्रतिभागियों में काफी उत्साह देखा गया। इस प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों में खासा उत्साह देखा गया।