– सूरज कुमार –
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद : बाबा चौहरमल की मूर्ति स्थापित करने के लिए देव प्रखंड के पवई गांव के सूर्य मंदिर के समीप शिलान्यास किया गया. यहां मूर्ति स्थापित करने के अलावा अन्य विकास के कार्य भी किए जाएंगे. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि बाबा चौहरमल का जन्म बिहार में मोकामा अंचल क्षेत्र के शंकर वाड़ टोला में हुआ था. तब इस क्षेत्र को मगध के नाम से जाना जाता था. उनका जन्म दुसाध ज़ाति के एक किसान परिवार में 4 अप्रैल 1313, तदनुसार चैत्र पूर्णिमा को हुआ था. इनके पिता बन्दीमल और माता रघुमती थी. इनका कर्म स्थान मोकामा ताल के चाराडीह में था और इससे 14 किलोमीटर दूर तुरकैजनी गांव में इनका ननिहाल था. समाज हित हेतु ब्राह्मणी और सामंती ताकतों से लगातार संघर्षरत रहने के कारण इन्हें चारडीह,-तुरकैजनी भाग दौड़ करना पड़ता था. चौहरमल सामंती दमन के विरुद्ध विद्रोह के प्रतीक थे. उन्होंने चाराडीह में सामंतो द्वारा की गई आर्थिक नाकाबंदी का संगठन बना कर कड़ा मुकाबला किया और अपने लोगों को संकट से बचाया. वे चाराडीह में सामुहिक खेती-किसानी शुरू कर उस इलाके के लोगों की आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते थे. गियासुद्दीन मुहम्मद बिन तुगलक ने चौहरमल को 100 बीघा खेती योग्य भूमि का भूमि-पट्टा दिया था जिस पर भूमिहार सामंतों की नज़र गड़ी थी. चौहरमल ने सामंतों के अत्याचार से लोहा लेने हेतु चाराडीह को युद्ध कला ज्ञान हासिल करने का प्रशिक्षण केंद्र बनाया था जिसमे वे अस्त्र संचालन का प्रशिक्षण देते थे। इस मौके पर वार्ड सदस्य नीतीश पासवान, कामता पासवान, उप सरपंच लक्ष्मण पासवान, भीम पासवान, दिनेश पासवान, शशिकांत पासवान आदि मौजूद रहे।