मगध हेडलाइंस

लोक अदालत में 2619 वाद का हुआ निष्पादन , पांच करोड़ रूपये का कराया गया समझौता 

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद एवं दाउदनगर अनुमंडलीय न्यायालय में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में लोक अदालत का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला जज संपूर्णानंद तिवारी, परिवार न्यायालय प्रधान न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग, प्रभारी जिला पदाधिकारी मनोज कुमार, पुलिस अधीक्षक हृदय कांत, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर, जिला विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर विधिवत किया गया. लोक अदालत में कुल 10 बेंच अलग-अलग विभागों के मामले निपटारे को लेकर लगाया गया था, हेल्प डेस्क भी लगाया गया था. ताकि जिन लोगों को किसी भी तरह की परेशानी हो तो वह हेल्प डेस्क सहायता ले सके. लोक अदालत के दौरान आपसी समझौते के आधार पर कई मामलों का निपटारा किया गया. इस मौके पर जिला संपूर्णानंद तिवारी ने कहा कि लोक अदालत का राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक तीन माह पर आयोजन किया जाता हैं जिसमें हमारी प्रयास रहता है कि विभिन्न तरह के लघु वादों का निपटारा किया जा सके. ताकि आम जनों की खर्चों की बचत के साथ-साथ समय की बचत हो. इसके अलावा उनके परिवार की उन्नति होती हैं. इस आयोजित लोक अदालत में सभी का सहयोग अपेक्षित हैं.

इस उद्घाटन समारोह में लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल, सहित काफी संख्या में न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्ता बैंक, बीमा के पदाधिकारी अन्य विभागों के पदाधिकारी तथा बहुत संख्या में वादकारी उपस्थित रहें। पुरे कार्यक्रम का संचालन प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी निधि जायसवाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आगंतुकों का स्वागत भाषण अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर द्वारा किया गया तथा लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि जितने भी वादकारी यहां आये हैं आप सभी के सहयोग से ही राष्ट्रीय लोक अदालत एक मुकम्मल स्थान को पायेगा. उन्होंने इस अवसर पर लोक अदालत के हर गतिविधि को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आपके माध्यम से आज भी लोग लोक अदालत में उपस्थित होते हैं तो उन्हें इसका उचित लाभ प्राप्त होगा. राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि अगर किसी का वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित होता है तो इसका लाभ सिर्फ वादकारी को ही नहीं होता है बल्कि जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन सहित न्यायालय पर भी मुकदमों का बोझ कम होता है और यह कई तरह के विधि व्यवस्था को कायम रखने में सहायक होता है, साथ ही जिनका वाद समाप्त होता है दोनों पक्षों के बीच पूर्व से उत्पन्न तनाव खत्म हो जाता है. राष्ट्रीय लोक अदालत में सहयोग के लिए पुलिस अधीक्षक और प्रभारी जिला पदाधिकारी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन के सहयोग से 17 हजार से अधिक नोटिस को ससमय तामिला कराने की कार्रवाई की गयी है जो इस जिला के लिए अपने आप में रिकार्ड है. इस अवसर पर उनके द्वारा उम्मीद जतायी गयी कि पिछले लोक अदालत से ज्यादा इस बार लोक अदालत का निस्तारण होगा.

प्रभारी जिला पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि जो मामले समझौते के माध्यम से हल किया जा सकता है उनके द्वारा कहा गया कि आज के समय में लोक अदालत का महत्व काफी बढ़ गया है और लोगों को इसका अधिका से अधिक लाभ लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि अगर किसी तरह के सुलहनिय मामले न्यायालय में चलते हैं तो व्यक्ति कई तरह के परेशानियों का सामना करता है और लोक अदालत उनके लिए एक उम्मीद है। जमीन के बढ़ते विवाद पर उनके द्वारा चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि लोक अदालत के माध्यम से लोग अपने वादों के निस्तारण के लिए आगे आयें।

पुलिस अधीक्षक हृदय कांत ने कहा कि हमारे संविधान में जो त्वरित न्याय दिलाने की परिकल्पना की गयी है उसके परिप्रेक्ष्य में लोक अदालत का आयोजन किया जाता है. उन्होंने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां त्वरित न्याय मिलता है और इसका निस्तारण आपसी सामन्जस से किया जाता है इसलिए कोई भी पक्ष यहां से निराश होकर नहीं जाता है. इसके माध्यम से निस्तारित होने वाले वादों में व्यक्ति को समय, उर्जा, पैसा के बचत के साथ-साथ कई स्तरों पर सहुलियत और सुकुन का अनुभूति करता है.

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परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग द्वारा लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते कहा कि यह कई स्तरों पर लोगों को त्वरित न्याय प्रदान करने एवं अपने सुलहनीय वादों का निस्तारण का एक सशक्त माध्यम है. जिला विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी ने कहा गया कि पिछला लोक अदालत तीन माह पूर्व लगा था और इस लोक अदालत के समय देश में भी काफी बड़ा परिवर्तन हुआ है. भारत द्वारा चन्द्रयान -3 के सफलतापूर्वक दक्षिण ध्रुव पर पहुंचने की बात करते ही पुरा परिसर तालियों से गुंज उठा. भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जो दक्षिण धु्रव पर पहुंचा.

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर आज आपको लोक अदालत में बुलाया गया है तो इसका उद्देश्य है कि न्यायालय आपको सजा देना नहीं चाहते और आपका वाद लोक अदालत के माध्यम से हो जाता है तो यह किसी की हार और किसी की जीत नहीं. इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी योगेश कुमार मिश्र ने किया तथा अपने संबोधन में अतिथियों ने लोगों को लोक अदालत का महत्व एवं फायदे के विषय में लोगों को बताया और लोगों से अधिक से अधिक इस अवसर का लाभ उठाने हेतु अपील किया. अपने संबोधन में कहा कि आज लोक अदालत का आयोजन जन कल्याण के लिए किया गया हैं क्योंकि लोक अदालत एक ऐसा माध्यम है जिसमें न तो किसी की हार होती हैं न ही किसी की जीत होती हैं. राष्ट्रीय लोक अदालत में सहयोग करने वाले सभी पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया.

कई साल पुराने मामलें का भी हुआ निस्पाद – यह लोक अदालत कई मामलें में अविष्मरणीय रहा. इस लोक अदालत में जहां अपने वाद के निष्पादन में अपने कई रिकार्ड को तोडते हुए एक नया मिल का पत्थर स्थापित किया वही जिला विधिक सेवा प्राधिकार, न्यायालय, अधिवक्तागण के प्रयास से दर्जनों ऐसे मामले का निष्पादन हुआ जो दसको पुराने थे जिनमें नगर थाना कांड संख्या 395/2003 में सूचक रामजी सिंह द्वारा अभियुक्त सुर्यदेव यादव, विरेन्द्र यादव, ब्रह्मदेव यादव पर मारपीट करने तथा पैसा लेने का मामला 20 साल पुराना था जो बेहद ही छोटे अपराध का था को समाप्त किया गया इसी तरह टण्डवा थाना काण्ड संख्या 18/2007, नगर थाना काण्ड संख्या 513/2008 जैसे दर्जनों वाद जो वर्षो पुराने मामले इस लोक अदालत में निष्पादित हुए.

लोक अदालत में 2619 वाद का हुआ निष्पादन , पांच करोड़ का कराया गया समझौता –

इस बार अब तक के लोक अदालत में रिकॉर्ड वादों का निष्पादन किया गया जिसमें मोटर दुर्घटना से संबंधित 04 वादों में कुल 62 लाख रूपये का समझौता कराया गया। पारिवारिक मामलें से संबंधित 04 वाद, आपराधिक सुलहनीय मामलें से संबंधित 446 वाद, एन आई एक्ट के 08, मामलों में 21 लाख का समझौता, टेलीफ़ोन के 08 मामलों में, माप तौल इसके साथ साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से संबंधित 655 वाद तथा बैंक ऋण से संबंधित 1482 मामलें का निस्तारण करते हुए कुल 04.5-करोड़ रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया. इस तरह कुल 2619 मामलों का निस्तारण करते हुए कुल लगभग 05 करोड़ रूपये का समझौता कराया गया जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ो के मामले में न्यायालय से जुड़े मामलों में ज्यादा वादों का निष्पादन का रिकॉर्ड है. पिछला रिकॉर्ड 397 व्यवहार न्यायालय से जुड़े वादों के निष्पादन का था जो बढ़ कर 466 वादों का निष्पादन हुआ.

लोक अदालत में रिेकार्ड वादों के निष्पादन पर प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने कहा कि पिछले रिकार्ड को तोड़ते हुए 466 सिर्फ न्यायालय के लंबित वाद को निष्पादित होना एक बहुत बडी उपलब्धि हैं जो जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री संपूर्णानंद तिवारी, का मार्गदर्शन और सभी न्यायिक पदाधिकारियों, वादकारियों, अधिवक्ताओं एवं लोक अदालत से जुडें समस्त लोगों के सहयोग से संभव हुआ है इसके लिये सभी को बहुत- बहुत बधाई एवं धन्यवाद. इस पुरे राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को सफल बनाने में प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार, कर्मी सुनील कुमार सिंह, परसुराम कुमार सिंह, संजय कुमार, टेक्निकल स्टाफ अर्पणा सहाय, सुनील कुमार सिन्हा, और सहयोगी श्री नवरतन कुमार, गीता कुमारी, कुंदन कुमार सहित सभी अर्धविधिक स्वयं सेवकों की भूमिका भी सराहनीय रही.

स्वास्थ्य जांच शिविर के माध्यम से लोगो को मिला स्वास्थ्य का लाभ – लोक अदालत की मुख्य विशेषता यह रहा की राष्ट्रीय लोक अदालत के साथ साथ स्वास्थ जांच शिविर का आयोजन विधिक सेवा सदन में किया गया था जिसमे सुगर, विपी, के साथ साथ चिकित्सीय जांच और दवा का वितरण, इत्यादि प्रमुख सुविधावों से वादकारियों के साथ-साथ सभी उपस्थित लोगो ने लाभ उठाया।

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