– संजीव कुमार –
मगध हेडलाइंस: पूर्व केंद्रीय मंत्री सह लोजपा के संस्थापक स्व.रामविलास पासवान की 77 वीं जयंती बली गहलौत की अध्यक्षता मे धूमधाम से मनाई गयी।पासवान मुहल्ला मे आयोजित जयंती समारोह का संचालन नरेश गहलौत ने की।इड दौरान उपस्थित लोगों ने स्व.रामविलास पासवान के चित्र पर मालार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित।इस दौरान औरंगाबाद के पूर्व डीडीओ सह पूर्व प्रधानाध्यापक बली गहलौत ने बताया कि, स्व.रामविलास पासवान डॉ भीमराव अम्बेडकर के बाद दलितों के सबसे बड़े नेता थे।
उन्हे गरीबों का मशीहा कहा जाता है। वे हमेशा दलितों मे वंचितों की आवाज़ बनकर खड़े रहे। आज तमाम दलित नेता सिर्फ अपनी रोटी सेकने के लिए राजनीति करते है। रामविलास पासवान ने कभी भी अपने स्वाभिमान और सिद्धांत से समझौता नहीं किया। इसी का देन है कि, केंद्र मे जब भी किन्ही की सरकार रही है उसमे रामविलास पासवान की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। यही वजह है कि, वो 6 बार केंद्र मे मंत्री बने रहे और अपनी भूमिका पुरी ईमानदारी और निष्ठापूर्वक निभाई। आज संचार की दुनिया मे क्रांति लाने वाले स्व.रामविलास पासवान ही है। उनकी कृति को कभी भुलाया नहीं जा सकता।वो आज भी सभी गरीबों,दलितों एवं वंचितों के दिल मे जिंदा है। इस दौरान संजय पासवान,सुरेश कुमार सत्यार्थी, धनंजय पासवान, विनय पासवान,महेश पासवान, कपिल पासवान, प्रदीप पासवान, मुकेश पासवान, निरंजन पासवान, राहुल पासवान आदि सहित अन्य लोग उपस्थित थे।