क्राइम

आत्मसमर्पण नीति के तहत दो हार्डकोर माओवादियों ने किया सरेंडर

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में बिहार और झारखंड के दो हार्डकोर नक्सलियों गोरा यादव तथा विधि विरुद्ध किशोर ने आज पुलिस प्रशासन, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सशस्त्र सीमा बल एवं कोबरा बटालियन के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस अधीक्षक स्वप्ना जी मेश्राम ने बताया कि एक नागरिक तथा कोबरा बटालियन के 2 जवानों की हत्या में संलिप्त दोनों हार्डकोर नक्सलियों ने सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई तथा आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर आज आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली मदनपुर थाना क्षेत्र के छेछानी गांव निवासी विजय यादव के पुत्र गोरा यादव एवं एक विधि विरुद्ध किशोर हैं।

उन्होंने बताया कि यह दोनों हार्डकोर नक्सली औरंगाबाद जिला सहित आसपास के जिलों के दर्जनों कांडों में फरार चल रहे थे। इनके द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर कई जघन्य कांडों को अंजाम दिया गया था। श्रीमती मेश्राम ने बताया कि आत्मसमर्पण किए दोनों हार्डकोर नक्सलियों से अन्य नक्सली कांडों में संलिप्तता के संबंध में पूछताछ की जा रही है। दोनों नक्सली ने एक एसएलआर राइफल मैगजीन के साथ, 53 राउंड गोली और एक देसी कट्टा के साथ आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने बताया कि झारखंड राज्य में भी इनके विरुद्ध कांड दर्ज होने की संभावना है। इस संबंध में जानकारी के लिए झारखंड पुलिस से संपर्क किया जा रहा है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि औरंगाबाद पुलिस और यहां प्रतिनियुक्त केंद्रीय सुरक्षाबलों की ओर से अंतरराज्यीय हार्डकोर नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने के लिए भी विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान से नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण पाने में काफी हद तक मदद मिलेगी।

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दोनों को मिलेंगे ढाई-ढाई लाख रुपए – अपर पुलिस अधीक्षक अभियान मुकेश कुमार ने बताया कि सरकार की आत्म समर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले दोनों माओवादियों को ढाई-ढाई लाख रुपए मिलेंगे। ये रुपये गोरा व विधि विरुद्ध किशोर के बैंक खाते में एफडी के रूप में जमा होगा। इसका प्रयोग वे तीन साल बाद कर सकेंगे। इसके अलावा यदि ये दोनों किसी स्वरोजगार योजना के तहत प्रशिक्षण लेते हैं। तो उन्हें 10 हजार रुपए स्टाइपेंड के रूप में मिलेंगे।

पुलिस को काफी दिनों से थी इनकी तलाश – माना जा रहा है कि सुरक्षाबलों की ओर से लगातार दी जा रही दब‍िश से बने दबाव के चलते इन दोनों नक्‍सलियों ने सरेंडर किया है। बिहार में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के खिलाफ सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। आत्मसमर्पण करने वाले दोनों जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में सक्रिय थे।

समारोह आयोजित कर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को किया गया सम्मानित – वर्षों से फरार चल रहे हार्डकोर नक्सली गोरा यादव अपने एक विधि विरुद्ध किशोर साथी के साथ सोमवार को पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। साथ ही आधुनिक हथियार व भारी मात्रा में विस्फोटक समेत अन्य नक्सल सामग्री भी पुलिस के हवाले कर दिया।

हार्डकोर नक्सली का अपराधिक इतिहास – गोरा के विरुद्ध मदनपुर थाना में सात कांड दर्ज है, इसके अलावा देव में तीन, ढिबरा में एक जबकि अंबा में एक कांड दर्ज है। इसके साथ ही विधि विरुद्ध किशोर का तीन कांड मदनपुर थाने में दर्ज है।

हार्डकोर नक्सली गोरा ने बताया कि वह नक्सल गतिविधियों से प्रभावित होकर प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के संपर्क में आया था तब उसकी उम्र करीब 10 साल की रही होगी लेकिन समय के साथ उसने सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत अपर पुलिस अधीक्षक अभियान मुकेश कुमार की बातों से प्रेरित होकर उसने आत्मसमर्पण किया है। इस मौके पर कमांडेंट कुमार मयंक, कमांडेंट विजेंद्र भाटी, कमांडेंट महेला मनीष, कमांडेंट संतोष कुमार, मदनपुर थानाध्यक्ष शशि राणा, देव थानाध्यक्ष मनोज कुमार पांडे समेत कई अन्य उपस्थित थे।

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