मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे सात सुनील कुमार सिंह ने दो लंबित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर थाना के अनुसंधानकर्ता को शॉकोज किया गया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि पहला मामला नगर थाना कांड की हैं जिसमें एक केश डायरी और जख्म प्रतिवेदन की मांग 20.03.23 को किया गया था। स्मारपत्र 12.04.23 को भेजा गया था लेकिन आज तक प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया जिसमें याचिका पर सुनवाई लंबित है।
इसलिए नगर थाना के अनुसंधानकर्ता को आदेश दिया गया है कि एक सप्ताह के अंदर सदेह उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। आखिर किन कारणों से आपके द्वारा न्यायिक आदेश की अवमानना हुआ जिसका कारण वरीय पदाधिकारियों को लिखा जाएं। वहीं दाउदनगर थाना के एक कांड में लंबित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अनुसंधानकर्ता को शॉकोज किया है। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि केश डायरी और जख्म प्रतिवेदन की मांग 13.03.23 को किया गया था।
स्मारपत्र 12.04.23 को भेजा गया था लेकिन आज तक न्यायालय में प्रस्तुत नहीं किया गया। इसलिए न्यायिक आदेश की अवमानना के कारण अनुसंधानकर्ता को आदेश दिया गया है कि एक सप्ताह के अंदर सदेह उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।