मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। अपने कारोबारी साथी को पैसों की विवाद में अभियुक्तों ने युवक को हत्या कर साक्ष्य छुपाने के लिहाज़ से कुआं में फेक दिया था। उक्त हत्या कांड में पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था जिसमें अब तक तीन की मृत्यु हो चुकी हैं। वहीं एक को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया जबकि एक को आज मामले में दोषी करार दिया गया। वहीं मामले की सुनवाई 27 फरवरी को की जाएगी।
इस संबध में व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे 10 वें रत्नेश्वर कुमार सिंह ने एस टी आर 25/90, कुटुंबा थाना कांड संख्या 26/89 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एक अभियुक्त पलामू ज़िले के हरिहरगंज थाना क्षेत्र के सुल्तानी गांव निवासी बृजा राम को भादंवि धारा 302 एवं 201 में दोषी करार दिया है जिसके सज़ा के बिंदु पर सुनवाई के तिथि 27.02.23 निर्धारित किया है।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि इस हत्या के मुकदमे में कुल पांच आरोपियों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था जिसमें अब तक तीन की मृत्यु हो चुकी हैं। एक अन्य अभियुक्त पलामू ज़िले के हरिहरगंज थाना क्षेत्र के रामवेश राम को साक्ष्य के अभाव में रिहा किया गया है।
अधिवक्ता ने बताया कि यह घटना कुटुंबा थाना क्षेत्र के सेमरा कुआं की हैं। जहां फरवरी 1989 में एक लावारिश शव बरामद किया गया था जिसकी सूचना चोकीदार ने थाना को दी और 26.02.89 को शव का पोस्टमार्टम कराया गया था। रिपोर्ट में मृतक की पहचान घुसरुआ गांव निवासी अकल यादव के रूप में की गई थी जिसकी खोजबीन परिजनों द्वारा की जा रही थी जिसकी सूचना पर पोस्टमार्टम के उपरांत शव परिजनों को सौंप दिया गया था।
इसके बाद हत्याकांड का साक्ष्य छुपाने के आरोप में पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था जिसमें बताया था कि अभियुक्त बृजा राम के साथ मृतक का कारोबार था जो पैसा की विवाद में अभियुक्तों ने अकल यादव की हत्या कर उनका शव कुआं में फेक दिया था। अधिवक्ता ने बताया कि इस कांड में आठ लोगों की गवाही थी। आज अभियुक्त बृजा राम को बंधपत्र विखंडित कर जेल भेज दिया गया है। सज़ा 27 फरवरी को सुनाई जाएगी।