कुटुंबा(औरंगाबाद) पंचायती राज व्यवस्था के तहत प्रखंड क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों में अनियमितता की शिकायत जनता के द्वारा प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी से लेकर ज़िला पदाधिकारी तक की गई जिसमें कई समस्याओं का प्रकाशन अखबार में किए जाने बाद भी अधिकारियों पर कोई प्रभाव पड़ता नहीं पड़ रहा है।आम जनता को अधिकारियों के भाषण एवं जांच के आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिलता है।
शायद इसकी एक वजह यह भी है कि अनियमितता में रंगे हाथ पकड़े जाने वाले अधिकारीयों के साथ सरकार सख्त कदम नहीं उठाती है जिसके कारण अधिकारियों का मनोबल प्रबल है और खुलेआम जनता की हकमारी करते है। हाल ही में जिला अभिलेखागार का लिपिक अवैध कमाई में पकड़ा गया। यह कोई पहली दफा नहीं है। इसके पूर्व भी कई अधिकारी व पदाधिकारी अवैध कमाई में पकड़े गए हैं।
ऐसे में केवल इन्हें साधारण प्रक्रिया के तहत निलंबित कर दिया जाता है और अन्य जगह स्थानांतरण कर दिया जाता है। जबकि सच तो यह है कि ऐसे अधिकारियों को बर्खास्त करने की आवश्यकता है।
इन समान प्रक्रिया से अवैध कमाई करने वाले अधिकारियों को ना सरकार से डर है और ना ही जिले के वरीय पदाधिकारियों से, अब तो ऐसा लगता है की सभी की मिलीभगत से समय दर समय इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। इसके बावजूद ठोस कार्रवाई की बजाय साधारण दंड में ही मामले को निपटा दिया जाता है। ज़िले में इमानदारी से अधिक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। भ्रष्ट अधिकारियों के मन से भय खत्म हो चुका है। हर टेबल पर कमिशन तय है सरकारी बाबू जो ठहरे।
(मिथिलेश कुमार की रिपोर्ट)
Hello there, just became aware of your blog through Google, and found
that it’s really informative. I’m gonna watch out for brussels.
I will appreciate if you continue this in future.
Lots of people will be benefited from your writing.
Cheers!