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पुलिस का मानवीय चेहरा, मदद से नाबालिग लड़कियां पहुंची घर 

संदेह के आधार पर रात्रि में पुलिस ने की पूछताछ , गेमन पुल से चार नाबालिग लड़कियां बरामद 

औरंगाबाद। जहां एक ओर पुलिस के कार्यशैली पर लोगों द्वारा कई सवाल खड़े किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर बारूण पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया हैं जिसमें अपने घर की रास्ता भटकी चार नाबालिग लड़कियों को पुलिस ने उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया। सभी नाबालिग लड़कियां रोहतास ज़िले के नासरीगंज थाना क्षेत्र के मौना गांव की रहने वाली थी।

बताया जाता है कि यह सभी नाबालिग लड़कियां जानवरों की चारे के लिए सोन नदी किनारे आई थी और काफ़ी दूर निकल गई जिसमें ये अपना रास्ता भटक गई। इसके बाद नदी से होते हुए ये सभी बारुण थाना अंतर्गत गेमन पुल पर आ पहुंची। जहां रात्रि करीब 1 बजे के आसपास गश्ती के दौरान पुलिस कर्मियों ने संदेह के आधार पर पूछ ताछ की। इसके बाद थानाध्यक्ष शमीम अहमद ने अपने सूझ-बूझ का इस्तेमाल करते हुए लड़कियों के परिजन एवं संबधित थाना को फोन से सूचना देकर उक्त चारों लड़कियों को नासरीगंज थाना की पुलिस को सौंप दिया।

थानाध्यक्ष ने बताया कि मादक पदार्थों की खरीद फरोख्त यथा अवैध खनन के खिलाफ़ थाना क्षेत्र में लगातार अभियान चला कर कार्रवाई की जा रही हैं जिसमें गश्ती के दौरान पुलिस ने कार्रवाई करते हुए चारों नाबालिग लड़कियों को उनके परिजनों को सौंप दिया है। वहीं एसपी स्वप्ना गौतम मेश्राम की माने तो गश्ती में शामिल पुलिस पदाधिकारीयों एवं कर्मी को पुरस्कृत किया गया। गश्ती दल में थानाध्यक्ष शमीम अहमद, एएसआई सत्येन्द्र कुमार, सिपाही संजय कुमार, सिकंदर कुमार, विकेश कुमार, रविन्द्र कुमार एवं शहजाद आलम शामिल थे।

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