
औरंगाबाद। जिले में भीषण ठंड का असर है। सर्द हवा के कारण सुबह एवं शाम जबरदस्त कनकनी भी है। ऐसे में बाजार गर्म कपड़ों से पट गया है। ज़िला मुख्यालय के सड़कों के किनारे एवं ठेले पर भी गर्म कपड़ों की बाजार लगी है। ऐसे में जहां गर्म कपड़ों की बिक्री में तेजी आनी चाहिए। वहीं इसके विपरीत दुकानदारों के मुताबिक कोरोना के खतरे की संभावना बढ़ गई हैं। लोग घरों से बहार निकलने एवं अपनी जमा पूंजी को खर्च करने से डरने लगे हैं कि यदि कोरोना ने विकराल रूप लिया और शासन ने पहले की तरह लॉकडाउन या पाबंदियां लगाई तो उनका बजट गड़बड़ा जाएगा जिसमें कोरोना के चलते लगने वाले लॉकडाउन एवं पाबंदियों से लोग गहरी चिंता में हैं।
गौरतलब हैं कि वर्ष 2020 में आई कोरोना की पहली लहर में लगे लॉकडाउन का कारोबारी गतिविधियों पर काफी असर पड़ा था। बाजार न खुल पाने से कारोबारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। वहीं कोरोना की वजह से काफी दिनों तक पाबंदियां रहीं थीं।
इस दौरान रसोई मार्ट के दुकानदार संजीत कुमार सिंह ने बताया कि इस बार बेहतर कारोबारी की उम्मीद थी लेकिन कोरोना के बढ़ते खतरे से कारोबार के प्रभावित होने की चिंता बढ़ी है। डर लग रहा है कहीं पुराने दिन न लौट आएं। यदि पाबंदियां लगी तो इसका सीधा असर कारोबार पर पड़ेगा। हालांकि इस दौरान ठंड के मद्देनजर ड्राई फ्रूट्स की खरीदारी बढ़ी है। इस साल कोरोना संक्रमण के दौरान अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए डॉक्टर लोगों को ड्राई फ्रूट्स खाने की सलाह दे रहे हैं, जिसके चलते लोग आकर बाजार से इन्हें खरीद रहे हैं।
वहीं गर्म कपड़ों के विक्रेता मोहम्मद अखलाक हुसैन एवं बसंत यादव ने बताया कि इस बार बिक्री पिछले साल की अपेक्षा काफ़ी कम हैं। इसके कई कारण हैं जिसमें कोरोना के खतरे की संभावना, भीषण ठंड के लोगों को घरों से बहार ना निकालना एवं कृषि कार्य में लोगों को उलझे होने से शहर में लोगों का आवागमन कम हैं जिसके कारण गर्म कपड़ों का पिछले साल की अपेक्षा 25 प्रतिशत प्रभावित हैं।















