औरंगाबाद। जिले में मद्य निषेध यानी शराबबंदी से संबंधित मुकदमों का ट्रायल जल्द से जल्द करा कर अभियुक्तों को कड़ी सजा दिलवाने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह निर्देश मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने औरंगाबाद जिला मुख्यालय में आयोजित विस्तृत समीक्षात्मक बैठक में दिया।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि जो भी फरार अभियुक्त हैं उनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट निर्गत कराकर उन्हें शीघ्र गिरफ्तार करने का अभियान चलाया जाना चाहिए। उन्होंने विशेष लोक अभियोजक को मुकदमों के ट्रायल में तेजी लाने का निर्देश दिया। शराब पीने वालों को दूसरी बार पकड़े जाने पर पहचान कर उन्हें रिपीट ऑफेंडर के रूप में पेश करने का निर्देश दिया ताकि उस व्यक्ति को एक वर्ष की सजा दिलवाई जा सके। जिले में उत्पाद एवं पुलिस विभाग को मद्य निषेध से संबंधित अभियुक्तों की गिरफ्तारी में तेजी लाने के निर्देश दिए गये।
श्री पाठक ने मुसहर एवं पासी टोला में शराब भट्ठियों को ध्वस्त करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र के दलित टोले में उत्पाद पुलिस एवं नगर निकाय के कर्मचारियों के साथ समन्वय बनाकर छापेमारी की जाएगी। एरका चेक पोस्ट एवं कोइरीडीह चेक पोस्ट पर अधिक से अधिक गिरफ्तारी एवं जब्ती करने का निर्देश भी अपर मुख्य सचिव के द्वारा दिया गया। उत्पाद अधिनियम के तहत जब्त की गई गाड़ियों को राजसात करने और उनकी नीलामी में तेजी लाने की भी समीक्षा की गई।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि राजसात करने की प्रक्रिया में और तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने जीविका के डीपीएम को शराब के कारोबार में पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान कर सतत् जीविकोपार्जन के तहत एक लाख रुपये रोजगार के लिए मुहैया कराने का भी निर्देश दिया। बैठक में जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक कान्तेश कुमार मिश्र, वरीय पदाधिकारी विधि शाखा, अनुमंडल पदाधिकारी विजयंत, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी औरंगाबाद दाउदनगर तथा सभी पीठासीन पदाधिकारी, कारा अधीक्षक, परिवहन पदाधिकारी, उत्पाद अधीक्षक एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। इसके पूर्व जिलाधिकारी ने उन्हें संबंधित विभाग से जुड़ा प्रगति प्रतिवेदन समर्पित किया।