– पप्पू यादव
औरंगाबाद। सरकारी विद्यालयों में भौतिक और शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए कायाकल्प योजना के माध्यम से रूपया पानी की तरह बहाया जा रहा है। इन सब के बाद भी कुछ सरकारी विद्यालयों की स्थिति नहीं सुधर पाई हैं। ऐसा ही एक मामला औरंगबाद जिले के रफीगंज प्रखंड अंतर्गत केराप पंचायत के नौआखाप में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय का हैं।
जहां बच्चे खुले आसमान के नीचे बैठकर पठन-पाठन करने को मजबूर हैं। चाहे बरसात हो या ठंड या फिर गर्मी मौसम का हैं। इससे आलाधिकारियों को तनिक मात्र भी फर्क नहीं पड़ता हैं। बताया कि यह विद्यालय का निर्माण वर्ष 2013 में कराया गया था। जो वर्ष 2019 क्षतिग्रस्त होने के कारण पास के क़रीब एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित फेसरा गांव के विद्यालय में स्थानांतरित किया गया था ताकि सुचारू पूर्वक बच्चों का पठन-पाठन कराया जा सके।
लेकिन कुछ ही दिन बाद विद्यालय जाने के दौरान सड़क हादसे में एक बच्चें की मौत के बाद ग्रामीणों ने बच्चों को उक्त विद्यालय में जाने से मना कर दिया और खुद के सामूहिक योगदान से एक निजी कमरे का निर्माण कराया। ताकि बच्चों की पठन-पाठन की सामग्रियां उक्त कमरे में रखा जा सके।
हालांकि विद्यालय क्षतिग्रस्त होने के बाद विभाग द्वारा मामले में भवन निर्माण के लिए आश्वासन दिया गया था जबकि अब तक अप्राप्त है। वैसे यह नवसृजित प्राथमिक विद्यालय हैं। जहां कक्षा पहली से पांचवी तक की पढ़ाई की जाती है। यहां कुल बच्चों की संख्या 124 है जिसमें मात्र 2 शिक्षक कार्यरत हैं। ऐसे में उल्लेखनीय हैं कि खुले आसमान के नीचे बच्चों की शिक्षा ग्रहण करने की मजबूरी सरकार के हाकिमों को नजर ही नहीं आ रही है।