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स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत मोबाइल ऐप के विकास हेतु एक दिवसीय परामर्श बैठक

डी के यादव

पटना/औरंगाबाद। पटना स्थित होटल चाणक्य में स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत राज्य साधन सेवी, जिला साधन सेवी, प्रखंड साधन सेवी, स्वास्थ्य आरोग्य दूत एवं डेवलपमेंट पार्टनर का मोबाइल ऐप के विकास हेतु एक दिवसीय परामर्श बैठक सम्पन्न हुई। यह परामर्श बैठक का आयोजन इस कार्यक्रम के सहयोगी संस्था प्लान इंडिया के द्वारा हुआ। इस बैठक में मुख्य अतिथि राज्य शिक्षा शोध संस्थान एवं प्रशिक्षण परिषद, बिहार के निदेशक विजय राज हिमांशु एवं विशिष्ट अतिथियों में राज्य स्वास्थ्य समिति के निवास प्रसाद तथा एससीईआरटी बिहार से विभा रानी उपस्थित हुए। यह परामर्श बैठक का आयोजन सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक हुआ जिसमें मंच का संचालन प्लान इंडिया के उपासना बारु एवं संजय कुमार ने संयुक्त रूप से किया।कार्यक्रम के डेवलपमेंट पार्टनर यूएनएफपीए की टीम के साथ कीर्ति मैम ने नेतृत्व किया।

इस बैठक में कार्यक्रम के रिपोर्टिंग एवं मॉनिटरिंग हेतु देश भर में एक मोबाइल ऐप के विकास हेतु विचार – विमर्श किया गया। इस बैठक में औरंगाबाद, गया, कटिहार, जमुई, सीतामढ़ी से एसआरजी, डीआरजी तथा बीआरजी एवं स्वास्थ्य आरोग्य दूत शामिल हुए जो क्रमशः अभय कुमार, रामानुज कुमार, मनोज कुमार जायसवाल, मोनू कुमार तथा ममता कुमारी हैं। इस बैठक में चर्चा-परिचर्चा, समूह कार्य, प्रश्नोत्तरी, सुझाव आदि गतिविधियां संचालित हुई। प्रतिभागियों एवं विशेषज्ञों के सहयोग से मोबाइल ऐप को आसान एवं उपयोगी बनाने हेतु महत्वपूर्ण विचार पाए गए। यूएनएफपीए के कीर्ति कुमारी ने कहा कि संभवतः अक्टूबर तक स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का मोबाइल ऐप भारत में लॉन्च किया जाएगा। एससीईआरटी के निदेशक सह मुख्य अतिथि विजय राज हिमांशु ने कहा कि कार्यक्रम को विद्यालय स्तर पर बेहतर ढंग से क्रियान्वित कर ही सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ाया जा सकता है। इस परामर्श बैठक में भाग लेने वाले औरंगाबाद से जिला साधन सेवी अभय कुमार ने दूरभाष पर बताया कि यह ऐप इस कार्यक्रम का मॉनिटरिंग करने में प्रभावी होगी। उन्होंने बताया कि औरंगाबाद जिले में प्रखंड साधन सेवियों का जिला स्तर पर प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। इस माह के अंतिम तक सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तर पर प्रत्येक विद्यालय के दो-दो नोडल शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। बहुत ही हर्ष की बात है कि औरंगाबाद जिला को आकांक्षी जिला घोषित करने के साथ ही इसे उक्त कार्यक्रम हेतु भी चुना गया है। आशा है आनेवाले दिनों में जिले की स्थिति बहुत ही सुदृढ़ होगी।

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