मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सदस्य मनोज झा की कविता पर इन दिनों सियासत गर्म है. एक तरफ जहां भाजपा और एनडीए के तमाम दल मनोज झा के उस बयान को लेकर हमलावर हो गए हैं तो वहीं दूसरी तरफ राजद – जदयू मनोज झा के बचाव में उतर गई है. इस बीच मचे बवाल को ब्राह्मण बनाम राजपूत की लड़ाई बनाने की कवायद शुरू हो गई है. इस पर वरीय राजद नेता सह जिला पार्षद शंकर यादव ने कहा कि संसद में राज्यसभा सांसद मनोज झा द्वारा पढ़ी गई कविता कथित ठाकुर विरोधी नहीं हैं, राजद नेता ने किसी जाति पर बयान नहीं दिया. लेकिन मीडिया के एक वर्ग ने झा के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया. श्री यादव ने कहा कि लोगों को राज्यसभा की कार्यवाही देखने की जरूरत है जहां मनोज झा ने कविता का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि वह ठाकुर थे. उनका किसी जाति या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था और उनके बयान के सात दिन बाद यह विवाद शुरू हुआ, जनता को मूल मुद्दों से भटकाने के लिए यह सब प्रायोजित हैं. भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो लोगों भ्रम पैदा करती है और मीडिया का एक निश्चित वर्ग जानबूझकर भ्रम फैलाने के लिए खबरें चलाता है. ऐसे मीडिया संगठनों को इनके संगठन के आईटी सेल द्वारा नियंत्रित किया जाता है और उनके कार्यालयों में बैठे निर्माता और निर्देशकों को केवल भ्रम फैलाने के लिए विशेष रूप से वहां तैनात किया जाता है।
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