औरंगाबाद। प्राकृतिक व अप्राकृतिक आपदाओं से बचाव के तौर तरीकों तथा प्राथमिक उपचार की जानकारियों से स्कूली बच्चों को जिला सलाहकार सह आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ मणिकांत ने अवगत करवाया। यह कार्यक्रम जिला पदाधिकारी सह अध्यक्ष व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशानुसार राजा जगन्नाथ उच्च विद्यालय देव के प्रांगण में उच्च विद्यालय एवं प्रोजेक्ट कन्या विद्यालय देव के छात्र-छात्राओं के बीच मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जिला सलाहकार सह आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन एवं जोखिम न्यूनीकरण पर अपादाओं से बचाव सुरक्षा के उपाय के संबंध में आपदा परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया
जिसमें आगलगी से बचाव को लेकर मॉक ड्रिल भी किया गया। इस दौरान आग से बचने के तौर तरीकों को बताया गया। जिला सलाहकार के द्वारा विभिन्न आपदाओं की रोक थाम एवं बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।उन्होंने बताया कि किसी भी आपदा में घबराए नहीं बल्कि सूझ-बूझ का परिचय दे। ताकि उस उस आपदा से बच सके।
उन्होंने बच्चों से आग्रह किया है कि जो भी आप यहां सीखे उसे घर परिवार में जरूर साझा करें तभी हमारा समुदाय जागरूक हो सकता है। जिले में ठनका, डूबने की घटनाएं तथा सड़क दुर्घटनाए आए दिन होती रहती है जो कि चिंता का विषय है। उससे निपटने के लिए हमे जागरूक बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा की भोलेंटायरिज्म की भावना रखना चाहिए तथा किसी भी आपदा में मदद के हाथ अवश्य बढ़ने चाहिए। बताया गया कि हेलमेट जरूर पहने तथा कान में सड़क पर हेड फोन लगाकर न चलें।
वहीं यदि तैरना न जानते हों तो नदी, तालाब, आहर, पोखर एवं किसी जलाशय के पास न जाएं, यह खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने डूबने की घटनाओं को लेकर कहा कि इसमें 30 वर्ष के कम आयु वर्ग के लोग ज्यादा शिकार हुए है। इस अवसर पर अग्निशमन पदाधिकारी मनोज परवाना, अग्नि सुजीत कुमार, आलोक कुमार के द्वारा मॉक ड्रिल किया गया तथा उक्त परिचर्चा में शिक्षक नागेंद्र प्रसाद, रंजन कुमार, राजाराम पाल, संजय सिंह, सुनील कुमार एवं कालिकिंकर सिंह उपस्थित थे।