मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। बिहार में जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर औरंगाबाद राजद वरीय नेता व जिला पार्षद शंकर यादवेन्दु ने कहा कि जातीय जनगणना से सभी जातियों को फायदा है। सरकार को विकास की नीति और कार्यक्रम बनाने के लिए यह जानना जरूरी होगा कि किस जाति की कितनी आबादी है। जाति जनगणना इसलिए जरूरी हैं कि आजादी के 75 वर्षों तक हमें इस बात की जानकारी नहीं हैं कि हमारी क्या वास्तविक संख्या हैं। हम कितने हैं और हमारी किन-किन क्षेत्रों में क्या-क्या हिस्सेदारी है। ऐसे में जाति आधारित जनगणना होगी तो, सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस देश में पशु पक्षियों की गिनती की जाती है। लेकिन इन्हें इंसान की गिनती करने में क्या दिक्कत है। असल में ये लोग नहीं चाहते हैं कि पिछड़ों का उनका हक और अधिकार मिलें। आज पिछड़ा समाज वर्षो से उपेक्षित महसूस कर रहा है, चाहे वह आर्थिक, सामाजिक या फिर जो उनके हालात हैं। सरकार में बैठे पिछड़ा समाज विरोधी लोग यह बात बताने से भी मुकर रहे है कि आखिर उनकी कहां क्या हिस्सेदारी है। कहा कि ऐसी व्यवस्था चली आ रही है जिससे आज गरीब का बच्चा जज नहीं बन सकता है। इस व्यवस्था को बदलने की जरूरत है।