विविध

सामाजिक परिवर्तन का जीवंत उदाहरण हैं संत रैदास : सिद्धेश्वर

 धूमधाम से मनाई गई 624 वीं जयंती
रैदास के काव्य एवं वर्तमान सामाजिक परिवर्तन विषय पर विचार गोष्ठी
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। जिला मुख्यालय स्थित अधिवक्ता संघ भवन के प्रांगण में सामाजिक संस्था जनेश्वर विकास केंद्र की आनुषंगिक इकाई साहित्य संवाद द्वारा भक्ति काल के अन्यतम कवि, निर्गुण काव्य धारा के कवि, संत रैदास जी की 624 वीं जयंती समारोह धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष ज्योतिर्विद् शिव नारायण सिंह ने किया। जबकि संचालन संस्था के सचिव सुरेश विद्यार्थी ने किया। सर्वप्रथम संत रैदास जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। तत्पश्चात,” रैदास के काव्य और वर्तमान सामाजिक परिवर्तन” विषयक विचार गोष्ठी पर उपस्थित वक्ताओं ने अपने-अपने विचार संप्रेषण के क्रम में कहा कि संत रैदास जी ने अपने काव्य कृतियों से सामाजिक परिवर्तन को नई दिशा दी। जनेश्वर विकास केंद्र के केंद्रीय सचिव सिद्धेश्वर विद्यार्थी ने रैदास जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अपना सारा जीवन समाज सुधार में लगाया एवं अपनी लेखनी से सामाजिक परिवर्तन का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत किया। वहीं अन्य वक्ताओं ने निर्गुण धारा के कवि, अन्यतम संत कवि रैदास जी के बारे में कहा कि जब समकालीन भक्ति काल में सनातन धर्म ह्रास की ओर जा रहा था तो रैदास जी ने अपनी लेखनी से सनातन धर्म को प्रतिस्थापित कर उत्कर्ष पर पहुंचाया। जयंती कार्यक्रम में जनेश्वर विकास केंद्र के केंद्रीय अध्यक्ष रामजी सिंह, जन विकास परिषद के उपाध्यक्ष रविंद्र कुमार सिंह संस्था के संयोजक अनिल कुमार सिंह, रामचंद्र सिंह, पूर्व प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कमलेश कुमार सिंह, समाजसेवी सुरेंद्र सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।

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