औरंगाबाद। इस वर्ष औसत से काफी कम वर्षा होने के कारण औरंगाबाद ज़िले के कुछ प्रखंडों में अकाल की स्थिति है। ऐसे में पशु चारा पर भी संकट आ गया है। किसानों के समक्ष अब खुद की भरण पोषण के साथ पशुओं के लिए चारा उपलब्ध कराना बड़ी समस्या बन गई है। यह उक्त बातें जिला पार्षद शंकर यादवेंदु ने कहा है।
आगे जिला पार्षद ने कहा कि इलाके के लोगों को पहले कभी पशु चारे के लिए सोचना नहीं पड़ता था। लेकिन इस बार प्राकृतिक ने सब कुछ खत्म कर दिया। सिंचाई के अभाव में परंपरागत फसलों के अलावा अन्य फसलों की खेती भी मुश्किल हैं।
जिला पार्षद ने कहा कि ज़िले में बारिश कम होने से जमीन की नमी गायब हो गई है। घास व झाड़ियां सुख रही हैं। इससे हरे चारे की किल्लत हो गई है। जबकि शाहबाद का यह इलाका धान का कटोरा कहा जाता है। ज़िले की बड़ी आबादी कृषि और पशुपालन पर आश्रित हैं। ऐसे में ज़िला प्रशासन और सरकार के द्वारा हरा चारा वर्सीम आदि का व्यवस्था करना चाहिएं। ताकि इनके समस्याओं को कम किया जा सके।