– डी के यादव
मगध हेडलाइंस: कोंच (गया) पेट की भूख और परिवार को चलाने के लिए बिहार छोड़ पंजाब गए एक मजदूर की मौत हो गई जिसकी शव लाने के लिए मृतक का पुत्र बिहार के गरारी गांव से पंजाब गया हैं। बता दें कि कोरोना महामारी के कारण अपने घर लौटे मजदूरों को सरकार द्वारा उनको रोजगार देने के लिए एलान किया था, मगर रोजगार नहीं मिलने के कारण फिर से मजदूरों का पलायन शुरु गया था, यह वर्ग रोजगार की तलाश में मजदूर दूसरे शहर जाने लगे थे। ऐसे में ही परिवार से गरीबी दूर करने का वादा करके जंगली ठाकुर ने घर से बाहर कदम रखा था।
इधर मामले की जानकारी देते हुए भारतीय सेना के आर्मी जवान सह सामाजिक कार्यकर्ता बी के पंकज उर्फ सुदर्शन यादव ने बताया कि ग्राम गरारी के जंगली ठाकुर (50) अपने जीवन यापन को सुचारू रूप से चलाने के लिए पंजाब राज्य में एक नीजि कम्पनी में कार्य कर मजदूरी करते थे। पेट और अपने परिवार के लिए संघर्ष कर रहे थे जिनका निधन गुरुवार की शाम 6 बजे पंजाब में हो गया। उनके शव को गाँव पर लाने के लिए पुत्र दुर्गा ठाकुर गया है। वे अपने पीछे एक पुत्र व तीन पुत्री को छोड़ गए हैं।