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किशोर न्याय परिषद ने एक दर्जन बाल कैदीयों को किया चिन्हित , प्रमाणिकता साबित कर बाल सुधार गृह गया भेजने का निर्देश 

मंडल कारा, उपकारा एवं प्लेस ऑफ सेफ्टी बभंडी का किशोर न्याय परिषद ने किया निरीक्षण 

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के प्रधान न्यायाधीश मनीष कुमार पांडेय ने मंडल कारा औरंगाबाद, उपकारा दाउदनगर एवं प्लेस ऑफ सेफ्टी बभंडी का औचक निरीक्षण किया और वर्तमान स्थिति की जायजा लिया और मौके पर कई मामलों में सुधार के जरूरी दिशा – निर्देश दिए।

पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि प्लेस ऑफ सेफ्टी में विधि विरुद्ध बालक क्षमता से अधिक पाये गए। कुछ बालकों ने बताया कि नियमित डॉक्टर उपलब्ध न रहने से स्वास्थ्य संबंधी असुविधा होती है, कुछ बच्चों ने यह भी बताया कि वह रोज़ा में है। प्रधान न्यायाधीश ने निर्देश दिया कि देखभाल में किसी तरह की कोताही न बरती जाए।

मंडल कारा औरंगाबाद में लगभग एक दर्जन कैदी को किशोर चिन्हित किया गया जिसकी प्रमाणिकता साबित कर बाल सुधार गृह गया भेजने का निर्देश दिया गया। साथ ही साफ़ – सफाई में ढिलई न बरतनें को कहा गया। वहीं उपकारा दाउदनगर के कैदीयों ने प्रधान न्यायाधीश से आग्रह किया कि हमारी वादों की सुनवाई तेजी से कराने में मदद करें। अधिकांश कैदी अपने विचारणीय वादों के शीध्र फैसले के लिए चिंतित थे।

उनको कहा गया कि जिन कैदीयों के मुकदमे में पैरवी वास्ते अधिवक्ता नहीं है। वह जेल में नियुक्त विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता से सलाह लें तथा प्लि बार्गेनिंग का लाभ ले। इस अवसर पर किशोर न्याय परिषद औरंगाबाद के महिला सदस्य संजू कुमारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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