औरंगाबाद। मौसम संबंधित जानकारी देते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र सिरिस औरंगाबाद के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने जिलें में 29 एवं 30 दिसंबर को हल्के से मध्यम बारिश होने की संभावना हैं। इस दौरान आसमान में घने बादल छाए रहेंगे तथा 10 से 12 किलोमीटर की गति से पूर्वा हवा बहनें के कारण अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में गिरावट भी होगा। वहीं 27 दिसंबर से ही आसमान में आंशिक से मध्यम बादल छाए रहेंगे। 27 से 31 दिसंबर तक अधिकतम तापमान 18 से 24 और न्यूनतम तापमान 8 से 11 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। औरंगाबाद में हवा का रुख बदलते ही ठंड से आंशिक राहत मिली है। पिछले तीन चार दिनों के मुकाबले अब न्यूनतम पारा दो से तीन डिग्री तक ऊपर चढ़ा है। मौसम में हुए बदलाव की वजह से हवा की दिशा में बदलाव एवं न्यूनतम पारा में बढ़ोतरी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार अभी ठंड से राहत नही मिलने वाली है और ठंड का प्रकोप जारी रहने का पूर्वनाम हैं।
चेतावनी : किसान भाइयो को सलाह दी जाती है कि गेंहू की फसल जो सी.आर.आई. अवस्था (बुआई के 21-25 दिन) कि हो गई हो सिंचाई नहीं करें तथा सिंचाई के लिए इंतजार करें। अगर अभी सिंचाई करने के बाद फिर से बारिश होने से खेत में अधिक जलजमाव हो सकता हैं जो गेंहू के लिए हानिकारक हो सकता है। बारिश की स्थिति को देखते हुए जिनके धान के फसल की कटाई हो गई है और थ्रेसिंग या भण्डारण नही किए है वे अपने फसल को यथाशीघ्र सुरक्षित जगह पर भण्डारण करें। पशुओं को बारिश मे भीगने न दे एवं ठड़ से बचाने के लिए गौशाला के उचित प्रबंधन करने एवं पशुओं के पीने का पानी ठंडा न हो ताजे पानी का प्रबन्ध करें। पशुओं को सूखे जगह पर एवं जुट के बोर से ढक कर रखना चाहिए। सरसों कि फसल जो फुष्पावस्था (फूल लगने) में हैं। बारिश से फूल झड़ने कि सम्भावना है। दलहनी फसलों के लिए लाभदायक होगा लेकिन अधिक बारिश होने कि स्थिति में किसान भाइयों को सलाह दिया जा रहा है कि जल निकासी का प्रबंध अवश्य करें। दलहन फसल के लिए ज्यादा पानी भी नुकसानदायक होता हैं। आलू एवं सब्जी वाली फसलों में अधिक बारिश होने पर जलजमाव होने कि स्थिति में जल निकासी अवश्य करें। मौसम खराब होने पर किसी भी प्रकार के दवा खरपतवारनाशी, कीटनाशी, फफूंदनाशी अदि का छिड़काव नही करना चाहिए। एवं मौसम साफ होने पर ही दवा का छिड़काव करें।