औरंगाबाद। वयोवृद्ध माओवादी नेता किसान दा उर्फ प्रशांत बोस तथा उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के तीन दिवसीय बंदी के पहले दिन मंगलवार को औरंगाबाद ज़िले के नक्सल प्रभावित इलाकों में बंदी का असर दिखा। बंदी के फ़रमान के बाद सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। यहां की तमाम पेट्रोल पंप पूरी तरह बंद दिखें जिसके कारण मोटर साइकिल चालक व प्राइवेट वाहन चालक काफी परेशान रहे। जबकि खुदरा पेट्रोल बेचने वाले दुकान पर दुपहियां वाहनों की भीड़ लगी थी। आवश्यकता अनुसार लोगों ने निजी व ऑटो से यात्रा किया। बंदी का असर स्कूलों, बैंकों एवं सरकारी कार्यालय पर भी दिखा। कई प्राइवेट स्कूल बंद रहा। वहीं सड़कों पर इक्के-दुक्के वाहनों का परिचालन होता रहा। हालांकि, आम दिनों की तरह दुकानें खुली रही। वहीं, पुलिस भी गश्त करती दिखी। कुछ जगहों पर माओवादियों ने बैनर पोस्टर लगाकर दहशत फैलाने की भी कोशिश की है।