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पुनपुन नदी में अविरल प्रवाह लाने हेतु भागीरथ प्रयास की हैं जरूरत

इसके लिए शुरू किया गया पुनपुन महोत्सव को अधिग्रहण करने की मांग

औरंगाबाद। विदित हो कि गंगा के समान पवित्र नदी पुनपुन का महत्व औरंगाबाद में और बढ़ जाता है । कारण देश दूनिया से पिंड देने गया आने वाले लोग पहला पिंड पुनपुन में ही देते हैं। इसके बावजूद औरंगाबाद जिला क्षेत्र में इस नदी का दुर्दशा देख मन को दुखी कर जाता है। जहां इस नदी का उदगम स्थल होने का गौरव इस जिला को है। वहीं जिलेवासियों द्वारा ही अतिक्रमण कर नदी का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया गया है। जहां अस्तित्व बचा है उसमे गंदगी डालकर और नाला बहाकर गंदगी से भर दिया है। इसके उद्गम स्थल कुंड पर से नवीनगर तक कभी भी देखा जा सकता है। इसलिए टंडवा और आस के लोगों ने 2019 में पुनपुन महोत्सव का आयोजन कर जिला प्रशासन और विहार सरकार का ध्यान आकृष्ट कर पुनपुन नदी को अतिक्रमण मुक्त कराकर अविरल धारा लाने का भागीरथ प्रयास करने का संकल्प लिया था। अतः उक्त संकल्प को पुरा करने हेतु कल दिनांक 26.10.21.को 12 बजे जिले के बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक आवश्यक बैठक बुलाई गयी है जिसमें पुनपुन महोत्सव 2021 के आयोजन कर पुनपुन नदी को हाइलाइट करने , उसके अस्तित्व को बहाल करने, टंडवा को प्रखंड बनाने हेतू पुनपुन महोत्सव-2021आयोजित करने पर विचार किया जायेगा।

 

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