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प्रदूषित अदरी नदी में श्रद्धालु कैसे लगाएंगे लोक आस्था महापर्व छठ की डुबकी – अनिल

मगध हेडलाइंस : औरंगाबाद। शहर की जीवन रेखा कही जाने वाली अदरी नदी की दुर्दशा कम होती नहीं दिख रही है। प्रशासन और जन-प्रतिनिधियों के सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। यह बात समाजसेवी सह भाजपा वरीय नेता अनिल सिंह ने शहर के शुभम इंटरनेशन होटल में आयोजित प्रेस-वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि पूरे शहर के नाले का गंदा पानी नदी में गिर रहा है जिससे यह प्रदूषित हो रही है। इसे लेकर जनप्रतिनिधि, अधिकारी तो दोषी हैं ही जनता में भी जागरूकता की कमी है। इस ओर किसी का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है , जिसको लेकर वे अदरी बचाव आंदोलन की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि इस संबध में पूरी रूप रेखा तैयार कर ली गई है। हर साल की तरह इस बार भी चार दिवसीय छठ महापर्व पर श्रद्धालु अदरी नदी में स्नान कर सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करेंगे, लेकिन अदरी की गंदगी और जल प्रदूषण को देख कहना मुश्किल होगा कि कोई यहां पूजा कर सकता है। इस प्रदूषित पानी में स्नान करना श्रद्धालुओं के लिए जोखिम भरा होगा तो आस्था की डुबकी कैसे लगाएंगे। नदी बदबूदार गंदे नाले में तब्दील हो चुकी हैं। यहां चैती छठ हो या कार्तिक मास में होने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ, दोनों ही समय इसी नदी में शहर के ज्यादातर लोग पहुंचते हैं। लोगों की आस्था इस नदी से जुड़ी है लेकिन इस नदी को स्वच्छ रखने के लिए कुछ विशेष नहीं किया जा रहा है। नदी किनारे खुले में कूड़ा डाला जा रहा है। इसे बचाने के लिए आंदोलन किया जाएगा। लेकिन घरों से निकलने वाले गंदे पानी से भी आसन के दूषित होने का खतरा बना हुआ है। कहा कि नगर परिषद को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे गंदा पानी नदी तक न पहुंच सके। समाजसेवी सह भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पुरूषोतम सिंह ने कहा कि नदियां हमारी जीवनधारा हैं, हमारी धरोहर हैं, यदि इन्हें बचाने के लिए हम अब भी नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ियों को एक भयावह भविष्य के अतिरिक्त कुछ और नहीं दे सकेंगे। अपनी नदी को हम नहीं बचाएंगे तो यह काम कोई और क्यों करेगा। स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले नदी का पानी साफ रहने के कारण नदी किनारे बसने वाले पीने के पानी भी नदी से लेते थे। लेकिन इन दिनों हालत ऐसी हो गई है नदी के पानी से नहाया भी नहीं जा सकता। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में नदी का अस्तित्व पूरी तरह खत्म हो जाएगा। आम कचरा के साथ-साथ रासायनिक कचरा नदी में ही गिराया जाता है। इस अवसर पर शम्भु शर्मा, अजीत कुमार सिंह, अंतिम कुमार सिंह, विकास कुमार सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता नागेन्द्र सिंह, भीम मेहता, सूर्यकांत सिंह, अमर उजाला, विकास कुमार उर्फ बारूद समेत कई अन्य मौजूद रहे।

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