मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद । श्रेया हत्याकांड के दोषियों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुऐ अयोजित प्रेस-वार्ता में पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह काफी सख़्त दिखे। शुक्रवार को अपने आवास पर श्री सिंह ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मामला है और शुरुआती दौर में जिस तरह की लापरवाही की गई वैसी लापरवाही अनुसंधान में नहीं की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज के माथे पर कलंक है और ऐसे जघन्य अपराध में शामिल अपराधियों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए ताकि फिर कोई इस तरह की हरकत करने की जुर्रत ना कर सके। उन्होंने घटना को लेकर राज्य के आला अधिकारियों से बातचीत की है और श्रेया को न्याय दिलाकर ही मानेंगे। उन्होंने कहा कि गुरुवार को नबीनगर में श्रेया के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना देते हुए न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है।
उन्होंने कहा कि यह घटना केवल एक परिवार का नहीं है बल्कि इससे पूरा समाज मर्माहत हैं, डरा और सहमा हुआ है। हर परिवार में बेटियां और बच्चियां हैं। उनको पढ़ने के लिए और पढ़ाने के लिए घर से बाहर भेजना ही है। ये उनकी मजबूरी है। अपने बच्चे को कोई घर में रखकर नहीं पढ़ा सकता हैं। यदि इस तरह का माहौल रहेगा , बेटियां सुरक्षित नहीं रहेंगी तो कोई अपने बच्चे को कैसे पढ़ा पाएगा। यह ज़िला प्रशासन के सामने एक यक्ष प्रश्न है। उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकारी के उपर हमारा व्यक्तिगत आरोप नहीं हैं और ना ही कोई व्यक्तिगत मुद्दा हैं। लेकिन जिला प्रशासन की सिस्टम पर सवाल जरूर उठाऊंगा। इस दौरान उन्होंने बारूण थाना क्षेत्र में घटित एक लूटकांड का उदाहरण देते हुऐ कहा कि मामला 05 मई 2023 की हैं जिसमें हथियार का भय दिखाकर अपराधियों ने एक महिला से दिन दहाड़े चेन छिनतई कर ली गई थी। उसी क्रम मैं सासाराम से लौट रहा था तभी महिला से घटना की जानकारी प्राप्त हुई और इस दौरान भाग रहे अपराधियों का करीब 10 से 12 किलोमीटर तक पिछा किया। बड़ी बहादुरी के साथ हमारे अंग रक्षकों ने अपराधियों को पकड़ लिया गया। उनके पास से चेन और अवैध हथियार भी बरामद किया गया था। वहीं घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया था। उन्होने कहा कि उक्त घटना से जुड़े एफआईआर को पढ़ेंगे तो पता चलेगा और पुलिसिंग हमने किया लेकिन सारा श्रेय पुलिस ले गई। इस दौरान सबसे बड़ी बात यह रहा हैं, घटना के आरोपियों को जेल तो हुई लेकिन पुलिस की लापरवाही से वे कुछ ही दिन बाद रिहा हो गए और आज तक मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं हुआ है। यह पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवालिया निशान हैं।
जबकि घटना के आरोपियों को फास्ट ट्रैक कोर्ट से सजा दिलवाना चाहिए था लेकिन फास्ट ट्रैक कोर्ट तो सजा तो छोड़ दीजिए, उस घटना को एक साल से अधिक हो गए। जबकि आजतक फाइनल चार्जशीट दाखिल नहीं किया गया। यही ऐसा होगा तो अपराध कैसे नियंत्रित होगा। जब तक अपराधियों में कानून का भय नही होगा तो उनका मनोबल ऊंचा रहेगा और समय-समय पर अपराध की मंसूबों को अंजाम देंगे अन्यथा जिनमें प्रशासन के कार्रवाई का भय होगा , उनमें अपराध की गुंजाइश नहीं होगी। उन्होने कहा कि श्रेया हत्याकांड में लोगों ने काफ़ी संयमित तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान ना तो थाने में आग लगाई गई , ना ही पुलिस कर्मियों को कोई नुकसान पहुंचाया गया और ना ही सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। हालांकि यह विरोध स्वाभाविक था, यह होना ही था। लेकिन इतना आक्रोश होने के बावजूद भी लोग काफी संयमित थे, किसी भी सरकारी या निजी संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने पुलिस से कार्यशैली में बदलाव और निष्पक्ष तरीके से कार्य करने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि कुछ जाति विशेष के लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाता हैं और पुलिस अति सक्रिय हो जाती हैं। ठीक उसी प्रकार से अन्य मामलों में पुलिस अपनी तत्परता दिखाए। एक जाति विशेष के लोगों के विरुद्ध गंभीर से गंभीर मुकदमों में पुलिस शिथिल हो जाती हैं। कहने के लिए कानून अपना काम कर रहा है, या करेगा। ऐसे मामले में कहने से काम नहीं चलेगा बल्कि प्रमाण के तौर पर निष्पक्षता भी दिखना भी चाहिए। कई ऐसे उदाहरण है जिसमें पुलिस निष्पक्ष नहीं रहती है। पुलिस अलग-अलग मोड में कार्य करती हैं। अगल-अगल जाति और समुदाय के मामलों में दृष्टिकोण रखती हैं और उसके अनुसार कार्रवाई करती है। अभी से भी पुलिस प्रशसन अलर्ट हो और ऐसे माहौल का निर्माण करें जिसमें त्वरित कार्रवाई संभव हो।
इस दौरान भाजपा अति पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिलाध्यक्ष बिनोद चन्द्रवंशी, भाजपा के पूर्व जिला मंत्री रघुनाथ राम, जिला परिषद उपाध्यक्ष रामेश्वर बैठा, लोकसभा संयोजक अनिल शर्मा, देव के पूर्व उप प्रमुख मनीष पाठक, फेसर मंडल अध्यक्ष भरत सिंह, जिला मीडिया प्रभारी मितेन्द्र कुमार, भाजपा नेता राम विलाश सिंह, राणा रंजीत सिंह, प्रभात सिंह, भाजयुमो जिला मंत्री सहबाज अरसद उर्फ गुड्डू, मुन्ना सिंह, उपेन्द्र सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।