– सूरज कुमार –
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शाखा औरंगाबाद की बहनों ने गुरुवार को सांसद सुशील कुमार सिंह एवं जिला जज संपूर्णानंद तिवारी सहित कई अन्य न्यायिक पदाधिकारियों को राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया। इस अवसर पर अपर अनुमंडल पदाधिकारी मालती कुमारी एवं डीएसपी समेत अन्य पदाधिकारियों को भी उनके पास जाकर राखी बांधी। इस दौरान शाखा प्रमुख बीके सविता दीदी ने कहा कि हम में से प्रत्येक एक छोटी सी प्रकाश रूपी आध्यात्मिक ऊर्जा हैं, जो प्रत्येक आत्मा को शुद्ध और हार्दिक शुभकामनाएं देती हैं। क्योंकि राखी प्यार, पवित्रता के अहसास और परिवर्तन का उत्सव है। कहा कि बीके सिद्धांत लोगों को उनके दैनिक जीवन में गहरे व्यक्तिगत मूल्यों के साथ जुड़ी सकारात्मक और शक्तिशाली ऊर्जा लाने में मदद करने के लिए समर्पित हैं। इन आंतरिक संसाधनों की खोज और इन्हें उभारने का माध्यम राजयोग मेडिटेशन है, जो एक जीवन-परिवर्तनकारी और आपकी ऊर्जा को रिचार्ज करने का माध्यम है। यह गहन स्वतंत्रता का संकेत देता है और सहज ही स्वयं को उसे परमपिता परमात्मा से जोड़कर दुनिया में शांति, आनंद, खुशी, एकता और दिव्यता के शुद्ध कंपन को फैलाने पर ध्यान केंद्रित करता है। उन्होंने तिलक और राखी की रस्म के बारे में आगे बताते हुए कहा कि तिलक शरीर-चेतना और बुराइयों के जाल पर विजय पाने का प्रतीक है, जो हमें नकारात्मक कार्य करने के लिए प्रभावित करते हैं। यह व्यक्ति की आत्म-चेतना से संबंधित मजबूत जागरूकता के जागरण का भी प्रतीक है, जो दिव्य ऊर्जा के अनंत बिंदु के रूप में अपनी वास्तविक पहचान को महसूस करता है- आत्मा, रूह या दिव्य प्रकाश ऊर्जा, न कि भौतिक शरीर। इसीलिए मानवीय बंधन अक्सर अपेक्षा और नाखुशी के घोर दुखों का कारण होते हैं, जबकि आत्माओं के साथ ‘दिव्य प्रबुद्ध संबंध’ शक्ति, प्रेरणा और खुशी के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। इसलिए, राखी बांधना हमारे (आत्माओं) द्वारा ली गई पवित्रता की प्रतिज्ञा का प्रतीक है। इस मौके पर राव करण, काजल आदि मौजूद थे।