मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद । व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में एडीजे सात सुनील कुमार सिंह ने खुदवा थाना की एक कांड में सज़ा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एकमात्र काराधीन अभियुक्त कलेन गांव निवासी विनोद राम को सज़ा सुनाई है। एपीपी इरशाद आलम ने बताया कि अभियुक्त को आजीवन कारावास तथा पच्चीस हजार जुर्माना लगाया है, जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होगी। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्त को 11.08.23 को अपने पिता ठाकुर जी की हत्या के आरोप में दोषी करार दिया गया था और उसकी पत्नी शिला देवी को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया गया था।
शिला की अधिवक्ता उषा पाठक थी जिन्होंने 01.11.21 को इस वाद में रिहा कराई थी। आज सजा के बिंदु पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने प्रथम अपराध के कारण एवं अपराधिक इतिहास न होने के कारण कम से कम सज़ा की मांग की जिसमें अपर लोक अभियोजक ने पिता-पुत्र के रिश्ते की हत्या के कारण अधिकतम सज़ा की मांग की। गौरतलब अभियुक्त ने अपने छोटे भाई सिनोद राम के साथ ओबरा में रह रहा था। 21.07.19 को अभियुक्त गांव पर कलेन गया हुआ था तभी संपत्ति विवाद को लेकर अपने पिता को चाकू गोद कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया जिसमें अभियुक्त के चाचा राजेश्वर राम ने हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया था।