औरंगाबाद। व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे 12वें धनंजय कुमार मिश्रा ने ओबरा थाना कांड संख्या 125/96 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए एकमात्र आठ वर्षों से काराधीन अभियुक्त मालवा गांव निवासी अशोक राम को सज़ा सुनाई है। अभियुक्त को आजीवन कारावास एवं 25 हजार रूपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास होंगी तथा आर्म्स एक्ट में तीन साल की सजा सुनाई है जिसमे दोनों सजाएं साथ- साथ चलेंगी।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सरकार की ओर से एपीपी बबन प्रसाद एवं बचाव पक्ष से तिलक यादव ने भाग लिया। अधिवक्ता ने बताया कि इस वाद के सूचक मालवा गांव निवासी उमेश कुमार चौधरी है जिन्होंने प्राथमिकी में बताया हैं कि दिनांक 11.10.96 को रात्रि 9 बजे समाजिक बैठक चल रहा था। इस दौरान अभियुक्त अशोक राम देसी पिस्तौल लेकर आया और बिना कुछ बोले बड़े भाई शिव गोविंद चौधरी पर गोली चला दी जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद उनकी इलाज के क्रम में उप स्वास्थ्य केंद्र ओबरा में मृत्यु हो गई।
सामाजिक बैठक का कारण यह था की गांव के एक विवाहित लड़की बिना कुछ बताए गांव छोड़ चली गई थी जिसे खोज बीन कर बड़े भाई वापस लाकर बैठक में डांट फटकार कर रहे थे। यह मामला अशोक राम को नागवार गुजरा और उसने हत्याकांड को अंजाम दिया। इस घटना के बाद से अभियुक्त फरार हो गया था। उसके घर के कुर्की जब्ती भी की गई थी। दिनांक 30.08.14 को खुदवा थानाध्यक्ष ने अभियुक्त अशोक राम को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था तब से अब तक वह जेल में बंद हैं जिसमें आज घटना के 26 साल बाद सज़ा सुना कर अभियुक्त को पुनः जेल भेज दिया गया हैं।