विविध

संगम पर अवस्थित प्रथम पिंड स्थल की महिमा पुराणों में हैं वर्णन

औरंगाबाद। सदर प्रखंड स्थित जम्होर थाना अंतर्गत पुनपुन बटाने संगम तट के नजदीक गया तीर्थ का प्रथम बेदी सह पिण्ड स्थल पर पितृ पक्ष के माह में धर्मावलंबियों का पिंड दान करने का सिलसिला जारी है। संगम तट का यह प्रथम पिंड स्थल गया तीर्थ में पिंडदान करने के पूर्व यहां प्रथम पिंड दिया जाता है। लाखो वर्ष पुरानी परंपरा के निर्वहन के क्रम में इस पिंड स्थल पर गया में पिंडदान के पूर्व इस स्थल पर प्रथम पिंड संपादित करने के बाद ही गया पिंड का प्रावधान शास्त्रोक्त है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस किसी महापुरुष, देवपुरुष,युगपुरुष ने किसी भी युग में गया पिंड का कार्यक्रम संपादन किए होंगे वे देव पुरुष इस प्रथम पिंड स्थल पर पिंडदान की प्रक्रिया करने के बाद ही गया प्रस्थान किए होंगे। ऐसी मान्यता रही है कि इस पिंड की महत्ता लाखो वर्ष पुरानी है। यही नहीं मोक्षदायिनी पुण्यसलिला पुनपुन की महत्ता पुराणों में भी वर्णित है । नेपाल के शास्त्रों के अनुसार इस नदी को अत्यंत पवित्र माना गया है। इतनी उच्च कोटि के महिमा,विशाल उपादेयता के बावजूद भी यह स्थल प्रशासनिक, राजनैतिक उदासीनता का शिकार है। इस स्थल पर घाट का अभाव है। सैकड़ों वर्ष पुरानी धर्मशाला रखरखाव के अभाव में अपने दिन हीन दशा को वर्णित करता हुआ दिख रहा है। यह स्थल पर्यटन विभाग के नजर से भी कोसों दूर है। इस स्थल पर प्राचीन विष्णु धाम का मंदिर अत्यंत मनोहारी एवं दुर्लभ है। दर्शन मात्र से ही हृदय में भक्ति के तार झंकृत होने लगते हैं। तीर्थ पुरोहित नरोत्तम पांडेय, कुंदन पाठक ने बताया कि यह स्थल औरंगाबाद जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर, गया रेल लाइन से 70 किलोमीटर, गया सड़क मार्ग से 100 किलोमीटर, पटना रेल मार्ग से 160 किलोमीटर,पटना सड़क मार्ग से 140 किमी बनारस रेल मार्ग से 150 किलोमीटर, सड़क मार्ग से 160 किलोमीटर दूरी पर अवस्थित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Adblock Detected

Please remove ad blocer