– महताब अंसारी
कोंच (गया) कल तक जहाँ बढ़ती गर्मी और देह जला देने वाली चिलचिलाती लू के थपेड़ों से आम जन जीवन परेशान था। घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा था, हाथ पांव जल रहे थे। बढ़ते तापमान से लू के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही थीं। स्कूली बच्चे सहित आम जन भी असहज महसूस कर रहे थे ।पशु पक्षी भी पानी व छाया की खोज में इधर उधर भटकते फिर रहे थे। प्रशासन ने बढ़ती गर्मी और लू को देखते हुए स्कूलों के समय में भी परिवर्तन कर दिया था। राह चलते राहगीरों की व्याकुलता और चिलचिलाती धूप में पसीने से तर बतर शरीर ठन्ढ़क और छाया की खोज में बेचैन था। बाहर निकलने पर हाथ पांव जल रहे थे। वही, कल से मौसम के बदलते मिजाज और ठंढ़ी पुरवा हवा के झोंको से लोगों मे राहत और सुकून नजर आ रहा है। कल से ही तापमान में भारी गिरावट आयी हैं और आसमान में बादल छाये हुए हैं । बारिश की भी आशंका जताई जा रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार गांधी ने बताया कि गर्मी का कहर ऐसा था कि राहगीरों व प्रखंड अंतर्गत ददरेजी मोड़, कोंच बस स्टैंड, आँती व उसास देवरा जैसे लोकल जगहों पर चिलचिलाती धूप में छाया की खोज में भटकते हुए यात्रियों के दृश्य का खबर को पहले भी प्रमुखता से छापा गया था। लेकिन अब ठंढ़ी हवा से तमाम जीव जंतु राहत व चैन की सांस ले रहे हैं। तपिश धूप और उमस भरी गर्मी से निजात के लिए पेड़ पौधे और जल के स्रोत का संरक्षण जरूरी है , इसपर प्रशासन और आम जन मानस को आपसी सहयोग से एक साथ मिलकर कार्य करना होगा तब जाकर पर्यावरण में संतुलन कायम होगा।