(मिथिलेश कुमार)
मगध हेडलाइंस: अंबा (औरंगाबाद)। रविदास मित्र मंडली के तत्वाधान में प्रखंड स्तरीय संत शिरोमणि रविदास जयंती मनाई गई जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्रीय विधायक राजेश कुमार, प्रखंड प्रमुख धर्मेंद्र कुमार, जिला परिषद सदस्य सुरेंद्र यादव, जिला परिषद प्रतिनिधि सुबोध सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनुसूचित जाति अजय राम, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष नीलम सिंह, जगनारायण यादव, बैजनाथ मेहता उपस्थित हुए।
इस अवसर पर विचार गोष्ठी एवं दुगोला का आयोजन किया गया जिसमें संत शिरोमणि रैदास एवं डॉ भीमराव अंबेडकर के जीवनी पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश की गई। दुगोला में ब्यास अक्षय कंचन एवं व्यास जितेंद्र चंचल के बीच प्रतियोगिता हुई।
तीन दशकों से प्रखंड स्तर पर हो रहा है आयोजन : रैदास जयंती समारोह के अध्यक्ष कुलदीप राम ने बताया कि अंबा में रैदास आश्रम की स्थापना 1993 में की गई थी। स्वर्गीय रणधीर राम की अध्यक्षता में आश्रम का निर्माण किया गया था। जिसमें जयशंकर प्रसाद, कामदेव राम, अरविंद राम एवं भीखर व्यास ने सक्रिय भूमिका निभाई थी।
संत शिरोमणि रैदास का जीवन परिचय : रैदास मध्य काल के भारतीय संत थें। जिन्होंने जात पात के विरोध में काम किया। सतगुरु या जगतगुरु की उपाधि भी दी जाती है। इनका जन्म काशी में माघ पूर्णिमा के दिन संवत 1398 को हुआ था। उनके पिता का नाम संतोख दास तथा माता का नाम कलसां देवी था। रैदास ने साधु संतों की संगति से पर्याप्त व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। संत कबीर दास के कहने पर उन्होंने संत रामानंद जी को गुरु मानकर आध्यात्मिक ज्ञान अर्जित किया। जबकि उनके वास्तविक अध्यात्मिक गुरु कबीर दास ही थें।
वे बहुत ही धार्मिक स्वभाव के भक्तिकालीन संत और महान समाज सुधारक है। उन्होंने भगवान के भक्ति में समर्पित होने के साथ अपने सामाजिक एवं परिवारिक कर्तव्यों का बखूबी निर्वहन किया। इन्होंने लोगों को भेदभाव किए बगैर आपस में प्रेम करने की शिक्षा दी। उनके उपदेशों और शिक्षा से आज भी समाज को मार्गदर्शन मिलता है।