
(मिथिलेश कुमार)
मगध हेडलाइंस : अंबा (औरंगाबाद)। मनरेगा के तहत क्रियान्वित योजनाओं में भ्रष्टाचार चरम पर है। प्रखंड क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार की खबरें उजागर होने के बावजूद विभाग के अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि बेखौफ होकर अपनी काम को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। शायद उनके अंदर से यह भय खत्म हो चुका है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाई भी हो सकती है। ऐसा होना लाजमी भी है क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने के बावजूद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत बैरांव, दधपा, बलिया पंचायत के क्रियान्वित दर्जनों योजनाओं में ज्यादा मजदूरों की हाजिरी बना कर पैसे की निकासी की जा रही है। जबकि योजना स्थल पर काम कर रहे मजदूर हाजिरी से बहुत कम है। इस मामले में जब ग्राम पंचायत बैरांव के रोजगार सेवक शेखर कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेठ (मजदूरों के बीच का एक सदस्य) के द्वारा हाजिरी बनाई जा रही है।
वहीं ज्यादा मजदूरों की हाजिरी बना दे रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कई मजदूर कहकर काम पर नहीं आते हैं। गौरतलब है कि जो मजदूर काम करने नहीं आ रहे हैं उनका भी हाजिरी बना दिया जा रहा है। वहीं बलिया पंचायत के रोजगार सेवक शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि मैं आज कार्यस्थल पर नहीं गया था। इस पर संज्ञान ले लूंगा। विदित हो कि बैरांव एवं बलिया पंचायत के दर्जनों योजनाओं में इस तरह की गड़बड़ी पाई गई है। संबंधित अधिकारी टेक्निकल फॉल्ट बताते हैं। परंतु टेक्निकल फॉल्ट के चलते दर्जनों योजनाओं में ज्यादा मजदूरों का अटेंडेंस बन जाना संदेहास्पद है। मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार के गहन जांच की आवश्यकता है।