क्राइमविविध

मुखिया ने खोली गबन की पोल, कहा – पदाधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों की मिलीभगत से 40 लाख रुपयों की हुई फर्जी निकासी 

   (मिथिलेश कुमार)

अंबा (औरंगाबाद)। प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों सरकारी योजनाओं में अवैध निकासी एवं लूट की छूट मची है। अब तो ग्रामीण भी अपनी शिकायत लेकर प्रखंड कार्यालय पहुंचने से संकोच करते हैं। क्योंकि उन्हें पता है कि हम जिस न्याय की मंदिर में जा रहे हैं, वहां न्याय करने वाला ईश्वर नहीं बल्कि शोषण करने शोषक बैठे है।

ऐसा ही एक मामला प्रखंड क्षेत्र में उजागर हुआ है जिसमें पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधी की मिलीभगत से केवल कागजों पर पूरी योजना की राशि का गबन कर लिया गया। इस संबध में ग्राम पंचायत परता के मुखिया श्याम बिहारी राय ने बताया कि मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी, तकनीकी सहायक, रोजगार सेवक एवं जनप्रतिनिधी की मिलीभगत से पंचायत के देउरा, भलुवाड़ी, परता और पतीला गांव में फेवर ब्लॉक व नली गली का काम किए बगैर 40 लाख रुपयों की फर्जी निकासी कर ली गई है।

इस योजना में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ हमने कार्यक्रम पदाधिकारी को आवेदन दिया था परंतु उन्होंने राशि का भुगतान कर दिया। मुखिया श्याम बिहारी राय ने बताया कि भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को व्हाट्सएप के माध्यम से भेज दिया गया है।

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गौरतलब है कि प्रखंड क्षेत्र में हर बुधवार को योजनाओं की जांच के लिए पदाधिकारी पंचायत का भ्रमण करते हैं। परंतु उन पदाधिकारियों को ना तो कहीं अनियमितता नजर आती है और ना ही धरातल से गायब योजनाओं की जानकारी मिलती है। ऐसे में जांच की प्रक्रिया आधारहीन कागजी प्रक्रिया मात्र रह जाती है। भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद भी पदाधिकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं होने से उनका मनोबल बढ़ता जाता है।

इस संबध में जब कार्यक्रम पदाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह मामला वर्ष 2018 की हैं, तब यहां कार्यक्रम पदाधिकारी के तौर पर कोई अन्य कार्यरत थे। यह मेरे जानकारी में नहीं हैं। वैसे आरोप की जांच की जाएंगी।

वहीं इस मामले में पूर्व मुखिया बनारसी पासवान ने बताया कि मेरे ऊपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। अधिकारियों ने स्थल जांच करने के बाद पैसों का भुगतान किया है। जांच के क्रम में सच्चाई सामने आ जाएगी। राजनीतिक द्वेष के कारण वर्तमान मुखिया हमारे मान सम्मान को ठेस पहुंचाना चाहते है। अगर हमारे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार पाए गए तो उनके ऊपर मानहानि का केस होना चाहिए।

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