मगध हेडलाइंस : औरंगाबाद। मोबाईल फोन छुपा देने के विवाद में मारपीट की घटना घटित हुई थी जिसमें एक घायल युवक की इलाज़ के दौरान की मौत हो गई थी जिसमें आज दो हत्यारोपी दोषी करार किए गए। मामले की सुनवाई दो फ़रवरी को निर्धारित किया गया है। हत्यारोपी की पहचान उपहरा थाना क्षेत्र के निमंडा गांव निवासी रामजी प्रजापत एवं बंगाली प्रजापत के रूप में की गई है। जो पिछले दो साल से जेल में बंद हैं। इनके अलावा एक अन्य अभियुक्त का वाद किशोर न्याय परिषद में लंबित हैं।
वहीं आज सिविल कोर्ट के जिला जज रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने सत्रवाद संख्या 143/21, उपहारा थाना कांड संख्या 61/20 में निर्णय पर सुनवाई करते हुए दो काराधिन हत्यारोपी को भादंवि धारा 323/34 एवं 302/34 में दोषी करार दिया है।
लोक अभियोजक पुष्कर अग्रवाल ने बताया कि दोनों काराधिन हत्यारोपी दो वर्षों से जेल में बंद हैं। सज़ा के बिंदु पर सुनवाई के तिथि 02.02.23 को निर्धारित किया गया है। अभियुक्तों पर जयकरण की हत्या करने, मुन्नी शर्मा, वेंकटेश साव एवं सुरज साव को घायल करने का आरोप लगाया गया था।
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि उपहारा थाना क्षेत्र के मेहंदीपुर गांव निवासी मृतक के पिता रामाधार साव ने अभियुक्तों के खिलाफ 03.09.20 को दर्ज करवाया था जिसमें बताया कि उनके पुत्र का मोबाइल फ़ोन गोबिंद राम (नाबालिग किशोर) ने छिपा दिया था, मांगने पर अभियुक्त ने दो हज़ार रूपयों की मांग की थी जिसमें अभियुक्त के साथ नोक झोंक हुई थी।
इसके बाद अभियुक्त एवं अन्य आरोपियों ने रात्रि में सूचक के घर पर लाठी- डंडों से हमला कर दिया था जिसमें सूचक के पुत्र का सर फट गया। इसके बाद इलाज़ के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी। मामले की न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियुक्त गोविंद राम को किशोर पुष्टि होने पर उसका वाद पृथक कर किशोर न्याय परिषद में सुनवाई हुई।
वहीं घटना के समय से अन्य दो अभियुक्त निमंडा गांव निवासी रामजी प्रजापत एवं बंगाली प्रजापत अब तक जेल में बंद हैं। अभियोजन की ओर से डॉ. आलोक रंजन, नरेश कुमार, आई ओ गिरेन्द्र कुमार, जख्मीयों की गवाही, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट दाखिल किया गया था। बचाव पक्ष से लिखित या मौखिक गवाही प्रस्तुत नहीं किया गया था।