राम विनय सिंह
गोह(औरंगाबाद) गोह स्थित लालपरी निवास पुनदौल में प्रगतिशील बढई विश्वकर्मा महासभा के तत्वाधान में भारत के सातवे राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह की पुण्यतिथि प्रखंड अध्यक्ष सिकंदर शर्मा की अध्यक्षता में मनाई गई। सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ उनके चित्र पर माल्यार्पण के साथ किया गया तत्पश्चात लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस दौरान जिला संयोजक बिंदेश्वरी शर्मा ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञानी जैल सिंह 15 वर्ष की आयु में ही वह ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध काम कर रहे अकाली दल से जुड़ गए थे।
अमृतसर के शहीद सिख मिशनरी कालेज से गुरु ग्रंथ का पाठ मुंह जबानी याद करने के बाद इन्हें ज्ञानी की उपाधि मिली थी। 1938 में जरनैल सिंह ने प्रजा मंडल नामक एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया, जो भारतीय कांग्रेस के साथ संबद्ध होकर अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया करती थी। यह बात अंग्रेज व फरीदकोट रियासत को पसंद नहीं आई, जरनैल सिंह को जेल भेज दिया, उन्हें पांच वर्ष की सजा सुनाई गई।
इसी दौरान उन्होंने अपना नाम बदलकर जैल सिंह (जेल सिंह) रख लिया। मौके पर दीनदयाल शर्मा रंजीत शर्मा, जयप्रकाश शर्मा, संजय शर्मा, त्रिलोकी मिस्त्री, लाल शर्मा,अनिल शर्मा, अरुण शर्मा, दुखन मिस्त्री सहित कई लोग मौजूद थे।