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188 वर्ष पुराना विद्यालय बहा रहा आंसू, छात्र-छात्राओं की शिक्षा हो रहा दफन, विद्यालय परिसर बना असामाजिक तत्वों का अड्डा 

औरंगाबाद। जिले में शिक्षा व्यवस्था इस कदर बीमार है कि निकट भविष्य में स्वस्थ हो पाना संभव नहीं है। इसका मुख्य कारण सरकार एवं विभाग की नजरअंदाजी है। विभाग विद्यालयों के प्रति सजग नहीं है जिस कारण छात्र-छात्राओं का भविष्य चौपट हो रहा है। ओबरा प्रखंड के मदरसा कादरिया कारा विद्यालय अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। यह विद्यालय 188 वर्ष पुराना है। वर्ष 1834 में विद्यालय का स्थापना हुआ है। विद्यालय का भवन पूरी तरीके से जर्जर हो गई है। बारिश होने के बाद विद्यालय के छत से पानी टपकता है। विद्यालय में कुल 11 कमरे है जिसमें आठ जर्जर है। तीन कमरा की स्थिति कुछ ठीक है। विद्यालय द्वारा रखरखाव व नया भवन निर्माण नहीं होने के कारण यहां के छात्र-छात्राओं का शिक्षा व्यवस्था जर्जर भवन में दफन होते जा रहा है।

शौचालय की स्थिति हैं बदहाल, छात्र-छात्राएं शौच के लिए जाते है बाहर 

मदरसा कादरिया कारा के प्रधानाध्यापक नेसार अहमद खान ने बताया कि विद्यालय में वर्ग एक से 12वीं (मौलवी) तक कुल नामांकित छात्रों की संख्या 309 है परंतु शौचालय मात्र एक है। इस शौचालय की स्थिति भी जर्जर है। शौचालय में शौच के लिए छात्र-छात्राएं नहीं जाते हैं। शौचालय की बदहाल स्थिति होने के कारण शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं परेशान रहते हैं। खासकर छात्राएं एवं महिला शिक्षकों को परेशानी होती है। विद्यालय में पानी पीने के लिए एक चापाकल है जो हमेशा खराब रहता है। पेयजल के लिए छात्र-छात्राएं व शिक्षक इधर-उधर भटकते रहते हैं।

कचरे का लगा रहता है अंबार, लफूओ का बना अड्डा 

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छात्रा समा परवीन ने बताया कि विद्यालय में कचरे का अंबार लगा है। विद्यालय के शिक्षकों के द्वारा सफाई कराने के बावजूद विद्यालय में कचरा फेंक दिया जाता है। कचरा से दुर्गंध उठता है जिससे विद्यालय में छात्रों को पढ़ाई कर पाना मुश्किल होता है। ग्रामीणों को इस मामले में स्वयं जागरूक होने की जरूरत है। वही विद्यालय के कैम्पस में लफंगों का अड्डा बना हुआ रहता है। विद्यालय कैम्पस में गांव के लफंगे भरे रहते है शोरगुल करते रहते है। शिक्षक बच्चो को ठीक से पढ़ा नही पाते।

विद्यालय की टूट गई है चारदीवारी, विद्यालय कैम्पस में ही लगती है गांव की गाड़ियां 

छात्र आसिफ ने बताया कि विद्यालय का चारदीवारी जगह-जगह टूट गया है। चारदीवारी टूटने के कारण विद्यालय परिसर में असामाजिक लोगों का जामवाड़ा लगा रहता है। छात्राओं को आते-जाते असामाजिक युवकों के द्वारा कमेंट किया जाता है। इन युवकों से यहां की छात्राएं परेशान रहती हैं। यहां तक कि चारदीवारी टूटे रहने के कारण गांव के लोग विद्यालय कैम्पस में ही अपनी गाड़ियां लगाते है। विद्यालय के तरफ से मना करने पर भी लोग नही मानते। जबरदस्ती कब्जा कर गाड़ियां लगाते है। विद्यालय में नया भवन बनाने व चारदीवारी निर्माण कराने की जरूरत है। शौचालय व चापाकल के बिना परेशानी होती है। इस संबंध में अधिकारियों को अवगत कराया गया है। विद्यालय में छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा दी जा रही है। अधिकारियों में बताया कि जल्द ही विद्यालय में व्यवस्था को सुदृढ किया जाएगा।

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