विविध

विपरीत परिस्थितियों में शुरू की गेंदा फूल की खेती, अब फैल रही पैसों की खुशबू 

औरंगाबाद। मदनपुर प्रखंड के महुआवा पंचायत के भैयाराम बिगहा के किसानों का रुझान परंपरागत फसलों के बजाय अब फूलों की खेती की तरफ बढ़ रहा है। इन दिनों एक किसान ने गेंदे के फूल की खेती शुरू की है जिससे अधिक मुनाफे की खुशबू आ रही है। उसी गांव के अरविंद मलाकर फसलों की खेती छोड़कर गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं। उनके खेतों में लहलहाते फूलों की बाजारों में मांग भी बढ़ते जा रही है। जिससे अरविंद भी आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं।
सब्जी कि खेती छोड़ फूल की खेती की, फूल खरीदने घर पहुचते है व्यापारी
फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने सरकारी मदद लेने की भी कोशिश की। लेकिन आज तक उन्हें मदद नहीं मिली जिसके बाद उन्होंने कर्ज लेकर गेंदा फूल की खेती शुरू की है। दशहरा, दीपावली, छठ पर्व को देखते हुए उन्होंने फूलों की खेती शुरू की थी।उनके खेत फूलों से लहलहा रहे हैं और व्यापार खेत पहुंचकर फूल खरीद रहे हैं। इससे पहले अरविंद खेतों में सब्जी उगाते थे। लेकिन सब्जी में मुनाफा नहीं होता था। नीलगाय के कारण सब्जी खेतों में ही बर्बाद हो जाता था। ऐसे में अरविंद ने कुछ अलग करने की सोचा और फूलों की खेती शुरू की। आज अरविंद की हर तरफ चर्चा हो रही है। शहर के व्यापारी फूल खरीदने पहुंच रहे हैं। पति-पत्नी की मेहनत ने अब रंग लाना शुरू कर दिया है।
गेंदा फूल की खेती करने से पहले ग्रामीणों ने उड़ाया मजाक, अब देते है शाबासी
अरविंद बताते हैं कि बहुत ही सोच विचार करने के बाद उन्होंने गेंदा फूलों की खेती शुरू की। उनके गांव में सभी किसान परंपरागत खेती करते हैं। उन्होंने जब फूल की खेती शुरू की तो लोगों ने कहा कि इससे लाभ नहीं होगा। लेकिन आज फूल भरा खेत देखकर गांव के लोग भी उन्हें शाबाशी दे रहे हैं। उन्होंने लोगों से पैसा उधार लेकर गेंदा फूल की खेती शुरू कर दी और पति पत्नी खेतों में कड़ी मेहनत करने लगे। जिसका आज परिणाम सामने आने लगा है।
कोलकाता से पौधा मंगवाकर खेती किया, आज हो रहे हैं मालामाल 
अरविंद मालाकार ने बताया कि गेंदा फूल की शुरुआत जुलाई महीने में हुआ 400 रुपये प्रति सैकड़ कोलकाता से पौधे मंगवाया। तीन कट्ठा में गेंदा फूल की खेती की। गेंदा फूल की खेती करने का हमारा मकसद यह था कि हमारे क्षेत्र में फूलों की हमेशा कमी रहती है। जरूरतमंदों को समय पर फूल उपलब्ध नहीं हो पाता है। जिसके बाद मैंने यह निर्णय लिया और गेंदा फूल की खेती शुरू की और आज समय पर लोगों को फुल उपलब्ध करा रहा हूं। घोरहत मोड़ के पास दुकान है वहां से फूल की बिक्री होती है और जिन्हें जरूरत पड़ती है वे किसी भी समय घर से आकर फूल ले जाते हैं।
बेरोजगार युवा भी कम खर्चे में कर सकते है रोजगार, बस हौसला की है जरूरत 
अरविंद मालाकर ने बताया कि इस खेती से पढ़े लिखे बेरोजगार युवा भी कुछ सीखकर कर सकते है। हमेश दूसरे पर निर्भर नही रहा जा सकता है। बहुत कम पैसे से खेती की शुरुआत कर सकते है और लाखों कमा सकते है। आप ऐसी खेती कर के आत्मनिर्भर बन सकते है और खुद बेरोजगार लोगो को रोजगार दे सकते है। उन्होंने कहा कि बड़ा नौकर बनने से अच्छा है कि एक छोटा मालिक ही बनो। हमारे देश मे हुनर की कमी है। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। हमारे माटी में ही सोना उगता है सिर्फ मेहनत करने की जरूरत है। सोना निकलते देर नही लगेगी।

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!

Adblock Detected

Please remove ad blocer