औरंगाबाद। डकैती के तीन आरोपियों को 25 वर्ष बाद व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडिजे 7 वें अरविंद कुमार ने नगर थाना कांड संख्या 303/97 में रिसियप के भरत कहार, सिमरा थाना अंतर्गत पोली बिगहा निवासी जनेश्वर महतो एवं कुटुंबा थाना अंतर्गत वर्मा निवासी रामप्रवेश साव को 7 साल सज़ा सुनाई गई और 1 हज़ार रुपये जुर्माना लगाया गया है। बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता तिलक यादव एवं सरकार की ओर से एपीपी सुर्जमल शर्मा ने अपनी पक्ष रखा। अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अभियुक्त जनेश्वर महतो एवं भरत कहार ने जेल में 5 साल तीन माह बिताए हैं जबकि रामप्रवेश साव 6 माह से जेल में हैं। पूर्व में जेल में बिताए अवधि समायोजित किया जाएगा। यह मामला पिछले 25 वर्षो का हैं।
अधिवक्ता ने बताया कि इस संबध में क्षत्रिय नगर निवासी प्राथमिकी सूचक यशवंत कुमार सिंह ने दिनांक 08.07.97 को रात्रि में डकैती की प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें कहा था कि 9 बजें रात्रि में बरामदा में दो साथी के साथ बैठकर वार्तालाप कर रहा था, तभी एक व्यक्ति घर की बाहर से पीने के लिए पानी की मांग की। हालांकि इस दौरान उसने एक बार नहीं बल्कि कई बार आवाज लगाई। ऐसा सुन हम लोगों ने उसे पानी देना उचित समझा। इसी क्रम में जैसे ही घर का दरवाजा खोला वह अपने 10 अज्ञात साथियों के साथ हथियार लिए घर में घुस गया। इसका जब विरोध किया तो उसने मारपीट किया और घर का जेवर, 42 हजार रुपए नगद, लाइसेंसी एक नाली बंदूक एवं 7 कारतूस लेकर फरार हो गया। इस घटना की सूचना मैंने तत्काल नगर थाना के पुलिस को दी। घटना की सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने छानबीन के दौरान अज्ञात अपराध कर्मियों की पहचान की। इन अभियुक्तों के विरूद्ध 26.11.97 को संज्ञान लिया गया था।