मो. फखरुद्दीन अंसारी
औरंगाबाद: ज़िले के नवीनगर प्रखंड के टंडवा गांव में एक ऐसा हिंदू परिवार जो भगवान भोलेनाथ में आस्था के साथ-साथ पिछले 31 वर्षों से लगातार रोज़ा रखते आ रहा हैं। यह परिवार अपने ईश्वर को खुश करने के लिए धर्मों के बंधन में नहीं बंधा है, बल्कि उससे ऊपर उठ कर दूसरे धर्म के मान्यताओं को भी निभा रहे है। इस परिवार के मुखिया बीगन सिंह चंद्रवंशी वर्ष 1991 से लगातार रमजान माह के दौरान रोजा रखते आ रहे हैं। परिवार के लोग जितनी गहरी आस्था के साथ नवरात्र करते हैं उतनी ही आस्था के साथ बिगन रमजान के दौरान रोजे भी रखते हैं, और कुरानशरीफ की तिलावत भी करते हैं।
प्रारंभ रमजान माह में वह हर दिन अहले सुबह शहरी और शाम के वक्त इफ्तार के साथ रोजा खोलते हैं जितने आस्था उनकी भोलेनाथ में है, उतनी ही आस्था अल्लाह में भी रखते हैं। 31 साल से रोजा रख रहे बिगन सिंह चंद्रवंशी और उनकी पत्नी रेखा देवी का मानना है कि पूरी दुनिया ही एक परिवार है।
बिगन सिंह चंद्रवंशी का कहना है कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं, दुनिया से नफरत मिटाना इंसानियत से भरी बस्ती तभी बसाई जा सकती है, जब सर्वधर्म समभाव के रास्ते पर चलकर मजहब की दीवारें तोड़ दी जाए, धर्म के भेद को भूल कर उसकी अच्छाई अपनाई जाए, सभी धर्मों में बराबर की आस्था रखी जाए और सारे त्यौहार का मन से खुलकर लुफ्त उठाया जाए, हिंदू धर्म के साथ-साथ इस्लाम धर्म को एक ही तराजू पर बराबरी के साथ तौलने वाले बिगन की मानें तो शुरुआत दौर में समाज और मुहल्ले में इसका पुरजोर विरोध हुआ, लेकिन उनके अडिग संकल्प के आगे मजहबी रोष को घुटने टेकने पड़े, जो समाज कल तक विरोध के सुर अलाप रहा था, वही अब सौहार्द भरी उनकी सोच और संकल्प का मुरीद हो गया है।
3 मई को होने वाले ईद को लेकर उत्सव का माहौल है। ईद के मौके पर वह दोनों समुदाय के लोगों का सेवई व लच्छा से स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं। टंडवा गांव में कॉपी-किताब की दुकान कर बिगन सिंह चंद्रवंशी अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। ईश्वर में उनकी अनंत श्रद्धा है, तो अल्लाह की इबादत भी पूरी आस्था से कर रहे हैं। उनके घर में पत्नी के अलावा एक बेटा और दो बेटियां हैं और सभी खुशहाल जीवन जी रहे हैं।