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नौ सितंबर को लगेगा लोक अदालत, सचिव ने तैयारियों को लेकर न्यायिक पदाधिकारीयों के साथ की बैठक 

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। आगामी 9 सितंबर को आयोजित होने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा तैयारियां आज से शुरू कर दी गई है जिसको लेकर प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर द्वारा अपने प्रकोष्ठ में न्यायिक पदाधिकारियों के साथ एक बैठक किया गया जिसमें अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौरभ सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आनंद भूषण, माधवी सिंह, राजेश सिंह, अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी योगेश मिश्रा, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी नेहा दयाल, ओम प्रकाश नारायण सिंह उपस्थित थे।
सचिव द्वारा न्यायिक पदाधिकारियों से अपने न्यायालय से सम्बन्धित सुलहनीय चिन्हित करने एवं वादों की अद्यतन स्थिति तथा उसके पक्षकारों के नोटिस प्रकिया को प्रारंभ करने का निर्देश दिया गया। सचिव के द्वारा नए पदाधिकारियों के साथ बैठक में इस बात का निर्देश दिया गया की सभी अपने-अपने न्यायालयों से संबंधित सुलहनिय वादों की सूची यथाशीघ्र प्राधिकार को उपलब्ध कराएंगे, ताकि प्राधिकार भी अपने स्तर पर वादों के निस्तारण हेतु कार्यवाही करें एवं पक्षकारों के साथ प्रि-काउंसलिंग की प्रक्रिया प्रारंभ किया जा सके।
सचिव के द्वारा यह बताया गया कि पिछले 2 राष्ट्रीय लोक अदालत वादों के निस्तारण में रिकॉर्ड स्थापित किया है जिससे यह उम्मीद जगी है की अगला राष्ट्रीय लोक अदालत भी अपने पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने हेतु तोड़ेगी। इसी को लेकर प्राधिकार आज से ही इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी है। ताकि समय रहते वादों के निस्तारण से संबंधित समस्त कार्रवाईयों को पूर्ण किया जा सके। इसको लेकर और लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों के निष्पादन हेतु कई दिशा निर्देश दिया गया। बैठक में सभी न्यायिक पदाधिकारियों ने इस बार भी पहले से भी ज्यादा वादों के निस्तारण करने हेतु आश्वासन दिया गया।
सचिव ने बैठक में सभी न्यायिक पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जितने भी वाद चिन्हित किये तो जायें यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि उक्त वाद को ऑनलाइन पोर्टल सीआईएस पर अपलोड हो जाये। ताकि समयानुसार सम्बन्धित पक्षकारों से प्रि-काउन्सलिंग कर ज्यादा-से ज्यादा वादों का निष्पादन कराया जा सके। तथा समस्या होने पर पक्षकारों को कॉउंसलिंग हेतु प्राधिकार से सम्पर्क स्थापित करें ताकि उन्हें अपने वादों के निस्तारण हेतू प्रेरित किया जा सके। ताकि लोक अदालत के लाभ से अधिक से अधिक लोग उठा कर अपने वादों का निस्तारण करवायें।

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