मगध हेडलाइंस: जम्होर (औरंगाबाद) सदर प्रखंड स्थित ग्राम पंचायत जम्होर में साहित्य संवाद द्वारा छायावाद के महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 126 वीं जयंती एवं आधुनिक हिंदी काव्य के महान कवि जानकी बल्लभ शास्त्री की 106 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्य संवाद के केंद्रीय सचिव सुरेश विद्यार्थी ने किया। सर्वप्रथम दोनों ही साहित्यकारों के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित गई। तत्पश्चात, दोनों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए वक्ताओं ने कहा कि जहां निराला जी ने अपनी काव्य कृतियों से छायावादी परंपरा को जीवंत करते हुए निरुपमा, अनामिका, राम की शक्ति पूजा जैसे महान कृतियों की रचना की। निराला जी छायावाद के चार स्तंभ में से एक थे। उनकी सरस्वती वंदना वर दे वीणावादिनी वर दे आज शिक्षण संस्थानों में गायी जाने वाली प्रमुख कविताओं में से एक है। वहीं आधुनिक हिंदी काव्य को मुखरता प्रदान करते हुए जानकी बल्लभ शास्त्री ने राधा महाकाव्य एवं मेघगीत की रचना कर हिंदी काव्य को उत्कृष्टता प्रदान की। आधुनिक हिंदी साहित्य में दोनों ही साहित्यकारों ने अप्रतिम योगदान दिया जो हिंदी के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ। इस दौरान जयंती समारोह में सुजीत कुमार सिंह, राणा सुनील सिंह, युगेश्वर मेहता, नंद जी यादव, अमन राज, नवनीत कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।
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