मगध हेडलाइंस: ज़िला मुख्यालय (औरंगाबाद)। सदन में नियम 377 के तहत सांसद सुशील कुमार सिंह ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की सूची में शामिल औरंगाबाद एवं गया ज़िले का मामला उठाया है। सांसद ने कहा कि यह दोनों ज़िले भारत सरकार के आकांक्षावान जिलों की सूची में शामिल है। यहां के अधिकांश लोग सैन्य बल एवं अर्धसैनिक बल में कार्यरत हैं। उग्रवाद प्रभावित इन ज़िले के युवाओं में सैन्य एवं अर्धसैनिक बल से जुड़ने का विशेष आकर्षण है। औरंगाबाद जिला कई राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश राज्यों से भी जुड़ा हुआ हैं किन्तु दुर्भाग्यवश यहां सैन्य सेवा से जुड़े अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए विशेष सुविधाएं जैसें- सैन्य कैंटीन अथवा सेवानिवृत्त कर्मचारियों हेतु सैनिक कल्याण बोर्ड आदि की सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। यहां के सैन्य बलों के आकर्षण से जुड़े युवाओं के लिए भी बेहतर शैक्षणिक अवसरों का अभाव हैं। सरकार से मेरा आग्रह है कि औरंगाबाद जिले में एक सैनिक स्कूल का निर्माण एवं सैनिक कैंटीन की व्यवस्था की जाएं। वहीं इसके लिए सैनिक कल्याण बोर्ड का गठन किया जाएं। ताकि यहां के सेवा निवृत सैनिकों के साथ-साथ युवाओं एवं स्थानिय लोगों का सम्यक विकास एवं कल्याण हो सके।
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