मगध हेडलाइंस: रोहतास (सासाराम) गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय में कला संकाय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा विश्व फोटोग्राफी दिवस की पूर्व संध्या पर “डिजिटल युग में फोटोग्राफी का विकास और प्रासंगिकता” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार को संबोधित करते हुए आमंत्रित वक्ता निकोन इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड के टेक्निकल ऑफिसर सौम्यजित मैत्रा ने फोटोग्राफी के महत्व पर विस्तार से चर्चा किया।
उन्होंने फोटोग्राफी के इतिहास पर प्रकाश डाला और इसे पत्रकारिता एवं जनसंचार से जोड़ते हुए बताया कि तस्वीरें वर्तमान का छायांकन होती हैं और एक तस्वीर हजार शब्दों के बराबर होती है। पत्रकारिता और जनसंचार के विद्यार्थियों को फोटोग्राफी के कुछ महत्वपूर्ण विधाओं को समझाते हुए उन्होंने बताया कि बेहतर कैमरा संचालन से अपने कथानक को और प्रभावी बनाया जा सकता है। कैमरा संचालन की बारीकियों पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने फोटो की गुणवत्ता सुधारने के लिए इस्तेमाल किये जा रहे नई तकनीकों पर भी विस्तार से विभाग के विद्यार्थियों के साथ चर्चा की। तस्वीरों के चयन और उनके उन्नयन पर भी विद्यार्थियों को आवश्यक गुण बताते हुए सौम्यजित मैत्रा ने विभिन्न सॉफ्टवेयर की भी चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों को पावर पॉइंट के माध्यम से उच्च क्षमता के कैमरों के तकनीकों पर भी चर्चा की।
इससे पूर्व वेबिनार की अध्यक्षता कर रहें कला संकाय के अध्यक्ष प्रो. डॉ. सुरेश चंद्र नायक ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में फोटोग्राफी के विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में कैमरा संचालन और तस्वीरों को उतारने की विधा सबसे महत्वपूर्ण रही है और डिजिटल हो रहे इस युग में इसका महत्व और बढ़ा है। स्वागत वक्तव्य में विभाग के सहायक प्राध्यापक व वेबिनार के संयोजक डॉ अमित कुमार सिंह ने आमंत्रित वक्ता का परिचय कराया और वेबिनार के आयोजन के उद्देश्य और विभाग के विद्यार्थियों के फोटोग्राफी में उपलब्धियों को विस्तार से बताया।
वेबिनार के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विभाग के सहायक प्राध्यापक व वेबिनार के संयोजक डॉ अमित कुमार सिंह ने किया। वेबिनार के अंतिम सत्र में प्रतिभागियों ने आगत वक्ताओं से अपने सवाल रखें जिनका उन्होंने बारी-बारी से जवाब दिया। वेबिनार में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सभी सत्रों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान पत्रकारिता विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ स्नेहाशीष वर्धन, स्मृति, चंचल सिंह सहित सभी सत्रों के विद्यार्थी मौजूद रहें।