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सम्राट महिषासुर व सम्राट बृहद्रथ मौर्य उर्फ़ रावण का मनाया गया शहादत दिवस 

मिथिलेश कुमार

कुटुंबा (औरंगाबाद) प्रखंड क्षेत्र के गौतम बुद्ध नगर चिल्हकी मोड़ अंबा स्थित जगदेव स्मारक स्थल में मंगलवार को अमर शहीद बौद्ध सम्राट महिषासुर व अमर शहीद बौद्ध सम्राट वृहद्रथ मौर्य उर्फ रावण का शहादत दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरयु मेहता तथा संचालन बैजनाथ मेहता के द्वारा किया गया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिले के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.जन्मजय कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 150 ईसा पूर्व मौर्य वंश के दसवें सम्राट बृहद्रथ मौर्य की हत्या पुष्यमित्र शुंग ने धोखे से कर दी थी। वास्तव में यह रावण दहन नहीं वृहद्रथ मौर्य दहन है अर्थात मौर्य वंश के दस पीढ़ीयों के शासन का दहन। विजयादशमी शब्द वास्तव में अशोक विजयादशमी है। इस दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर ने भी अशोक विजयादशमी के दिन ही बौद्ध धर्म की दीक्षा 14 अक्टूबर 1956 को ली थी।

इसी उत्सव के समापन पर जनता और सेना की सलामी लेते बौद्ध सम्राट वृहद्रथ मौर्य की हत्या की गई थी। भीम आर्मी जिला अध्यक्ष करण कुमार ने कहां की राक्षसों, असुरों की नैतिकता और ईमानदारी का प्रमाण शास्त्रों में भरा पड़ा है। वहीं देवता की अनैतिक छली का प्रमाण है। खंडपीठ में उन्होंने द्रोणाचार्य को अनैतिक छली और एकलव्य को नैतिक ईमानदार बताया और कहा कि राजेंद्र सिंह भाषा विज्ञानी महिषासुर को भारतीय इतिहास का ऐतिहासिक नायक घोषित करते हैं। हमारे स्वर्णिम अतीत को घृणावश मरोड़ कर पेश किया गया है हमें अपने इतिहास को जानने की जरूरत है।

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इस कार्यक्रम में रघुनाथ बौद्ध, रोशन कुमार, श्यामजीत कुमार मेहता, सिकंदर कुमार मेहता, पवन कुमार, संतोष मेहता, बिरजू कुमार, सत्येंद्र कुमार मेहता, वासुदेव राम, विजय ठाकुर ,अशोक कुमार मेहता, राम पुकार मेहता, लक्ष्मण दास, रवि कुमार, अरविंद कुमार, लालदेव मेहता, दीप नारायण मेहता, कुशवाहा मथुरा प्रसाद आदि उपस्थित हुए।

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