
मगध हेडलाइंस: ज़िला मुख्यालय (औरंगाबाद)। औरंगाबाद जिले के सुदूरवर्ती इलाके व शहर के बाजारों में पैकेज कमोडिटीज एक्ट का धड़ल्ले से उल्लंघन हो रहा है। पैकेट में बंद अधिकांश उपभोक्ता खाद्य वस्तुओं पर व्यापारियों एवं निर्माताओं द्वारा न तो वस्तुओं की निर्माण तिथि अंकित की जाती है और न ही समाप्ति तिथि। साथ ही अधिकतम खुदरा मूल्य भी स्पष्ट अंकित नहीं रहता हैं। यहां तक कि वस्तुओं पर उसका सही वजन भी अंकित नहीं रहता हैं और गलत तल बता कर उपभोक्ताओं से मनमाना दाम लिया जा रहा है। इससे उपभोक्ता धोखाधड़ी के शिकार हो रहे हैं। शहर के बाजारों में कई इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर भी कीमत और निर्माण तिथि अंकित नहीं रहता है। एमआरपी के ऊपर व्यापारी अपना स्टीकर चिपका देते हैं। साथ ही पैकेट पर वजन मूल्य और निर्माण तिथि भी लिखा नहीं रहता है। यह सब उपभोक्ताओं की आंखों में धूल झोंकने का समान है। ऐसे में माप तौल विभाग के अधिकारी इस ओर से उदासीन है। यदि उनके द्वारा बाजारों में छापा मारा जाए तो न जाने ऐसे कितने खाद्य वस्तुओं व अन्य वस्तुओं पर धड़ल्ले से हो रही हेरा फेरी का पर्दाफाश होगा।