जमीन से लेकर आसमान में ही नहीं अंतरिक्ष में भी महिलाओं के कदमों की छाप हैं मौजूद
मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद। सरकार की कई सारी योजनाएं महिला सशक्तिकरण को लेकर चलाएं जा रहे है, उसके परिदृश्य में आज हमें देखने को मिल रहा है की महिलाओं की स्थिति में सुधार हुआ है। लेकिन फिर भी हम चाहते हैं कि महिलाओं की स्थिति में और बेहतर सुधार को लेकर ध्यान दिए जाए। इसमें खासतौर पर महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ शिक्षा पर ध्यान दिया जाएं। यह बातें नगर भवन औरंगाबाद में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कुटुंबा प्रखंड के मध्य विद्यालय की शिक्षिका निर्मला सिंह यादव ने कही हैं, उन्होंने कहा कि वैसे तो केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के विकास व उत्थान के लिए कई कानून बने हैं। इसके अलावा कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलाई जा रही है लेकीन उसे धरातल पर उतारने की जरूरत हैं।
देश में महिलाओं की रक्षा हेतु कानूनों की कोई कमी नहीं है। शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है, वैसे देखा जाए तो आज देश में नारी सुरक्षा एक चुनौती बनकर रह गयी है, सरकार के वो बड़े-बड़े दावे साबित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं प्रशासनिक, आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक सभी क्षेत्रों में अपना योगदान दे रही हैं। शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जिसमें महिलाओं की सहभागिता न हो। आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कर रही हैं। जमीन से लेकर आसमान में ही नहीं अंतरिक्ष में भी उनके कदमों की छाप मौजूद है। उन्होंने कहा कि अब सेना में भी महिलाएं सीमाओं पर तैनात होकर वीरांगनाओं के रूप में स्वयं को स्थापित कर चुकी हैं।