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बजट में निम्न एवं मध्यम वर्गीय वर्ग का रखना चाहिए ख्याल, शिक्षा पर दिया जाना चाहिए जोर

डॉ ओमप्रकाश कुमार

मगध हेडलाइंस: औरंगाबाद (दाउदनगर) एक फरवरी 2022 को संसद में बजट पेश करेंगी। इसे लेकर लगभग सभी तैयारियां हो चुकी हैं। देशवासियों की इस आम बजट से काफी उम्मीदें हैं। जानकारों की मानें तो इस साल के बजट में कई खास बातें हो सकती हैं। इस साल कई बड़े राज्यों में चुनाव हैं, इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर भी देश में चल रही है, इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर बजट पेश किया जा सकता है। इसलिए लोगों के मन में बजट को लेकर काफी उत्सुकता है। बजट में निम्न एवं मध्यम वर्गीय वर्ग का ख्याल रखा जाना चाहिये। रोजमर्रा की सामग्रियों के बढ़ते मूल्य से आम व्यक्ति परेशान है। सुषमा कुमारी, शिक्षिका का कहना है कि आम व्यक्ति का ध्यान बजट में रख रखा जाना चाहिये। महंगाई बढ़ती जा रही है जिससे आम जनता बुरी तरह त्रस्त है। महंगाई पर अंकुश लगाने वाला बजट हो। आम बजट ऐसा होना चाहिए जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करे। सुरभि कुमारी, शिक्षिका का कहना है कि बढ़ती हुई महंगाई से आज देश का हर व्यक्ति त्रस्त है। रसोई गैस का दाम बढ़ते जा रहा है। बिजली दर में वृद्धि हो रही है। रसोई सामग्रियों के दाम बढ़ते जा रहे हैं, जिससे घर की रसोई प्रभावित हो रही है। बजट में शिक्षा पर चर्चा होनी चाहिये.बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात तो की जाती है लेकिन महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिये बजट में प्रावधान होना चाहिये। प्रेरणा कुमारी ,शिक्षिका का कहना है कि आम बजट में शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिये। महंगाई पर नियंत्रण के उपाय होने चाहिये। भारत सरकार के बजट से विशेष उम्मीद है खासकर समाज के पिछड़े तबके व लोगों की सुविधाएं उन्नति हेतु विशेष व्यवस्था की जाये। हर क्षेत्र में विकास की योजनाएं बनें।अर्चना कुमारी, शिक्षिका का कहना है कि एक घर का बजट पूरी तरह गृहिणी पर निर्भर होता है। इसलिए आम बजट में गृहिणी की आवश्यकताओं का जरूर ध्यान रखा जाना चाहिये। महंगाई कम करते हुये बजट में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि रोजमर्रा की जरूरी चीजें आम आदमी की पहुंच से बाहर न हो। बजट ऐसा हो कि आम आदमी पर नया बोझ न डाला जाये। दाउदनगर शहर के मौलाबाग स्थित लक्ष्य कोचिंग सेंटर के निर्देशक डॉ ओमप्रकाश कुमार का कहना है कि शिक्षा में भेदभाव नहीं होनी चाहिए सभी के लिए शिक्षा एक समान होनी चाहिए टैलेंट के आधार पर नौकरी में भागीदारी होनी चाहिए बजट आम व्यक्ति के लिए एवं शिक्षा के क्षेत्र में अधिक होना चाहिए स्वास्थ्य क्षेत्र में भी बेहतर बजट मिलना चाहिए।

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