समाज के महत्वपूर्ण कड़ी हैं डाक विभाग, अब वे विधिक सहायता का दायित्व भी निर्वहन करेंगें: जिला जज
औरंगाबाद। जिला एवं सत्र न्यायधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार मनोज कुमार तिवारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर तथा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार प्रधान ने डाक विभाग के कर्मियों के साथ दो दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर इसका उद्घाटन किया गया। उद्घाटन सत्र के बाद अपर जिला एवं सत्र सह सचिव प्रणव शंकर ने आगान्तुकों के लिए स्वागत संबोधन किया। कहा कि न्याय मंत्रालय, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने डाक विभाग के दुरस्थ पहुंच को देखते हुए जरूरतमंदों तक अपनी सेवाओं का विस्तार हेतु वेहद ही महत्वकाक्षी कार्यक्रम तैयार किया है जिसे हम सभी को मिलकर सफल बनाना है। अपने संबोधन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि देश की संवैधानिक व्यवस्था के तहत डाक विभाग वेहद ही महत्वपूर्ण विभाग है जिसकी पहुंच हर घर तक हैं चाहे वह शहरी क्षेत्र हो या सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र डाकिया प्राचीन काल से ही लोगो को सुख-दुख का सहभागी रहा है, पहले डाकियों से लोग अपने मनोभावों को लिखवाते भी थे और उनकी इस कला और व्यवस्था का फायदा उठाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार एक अनुठी पहल कर रहा है जिससे जरूरतमंद लोगो का समस्या आसानी से प्राधिकार तक पहुंच पायेगा और उनके समस्याओं का समाधान होगा। डाकियों से अपील किया गया कि वे जिस तरह से लोगों के सुख-दुख के मनोभावों को पढ़ते थे उसी तरह वे जरूरतमन्दों के जरूरत को समझकर उन्हें विधिक सहायता उपलब्ध कराने में एक पुल का कार्य करें। उद्घाटन सत्र के धन्यवाद ज्ञापन दिनेश कुमार प्रधान अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा किया गया जिसमें उपस्थित सभी डाक कर्मियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि वे समाज के बेहद ही महत्वपूर्ण अंग हैं। उन्हें समाज के जरूरतमंदों के विषय में सबसे अधिक पता है और वे गांव के प्रत्येक व्यक्ति को जानते एवं पहचानते हैं अगर वे सच्चे मन से कार्य करेंगें तो उक्त कार्यक्रम पूर्णतः सफल हो जायेगा। वहीं कल्याणकारी राज्य की अवधारणा वास्तविक रूप से चरितार्थ होगा। उद्घाटन सत्र के बाद द्वितीय चरण में उन्हें विशेष प्रशिक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के पैनल अधिवक्ता अभिनन्दन कुमार के द्वारा दिया गया जिसमें उन्हें विधिक सहायता की अर्हता, से संबंधित आवेदन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाली सेवाऐं के बारे में विस्तृत जानकारी उपस्थित डाककर्मियों को दिया साथ ही वे किस तरह से उपरोक्त से संबंधित आवेदन को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यालय तक लानें, तथा जरूरतमंदों के द्वारा आवेदन को भरवाने में मदद करने के विषय में जानकारी दिया गया। उन्हें समाज को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराने में मदद करने के साथ ही समाज में आवश्यक दस्तावेजों यथा आयकर रिटर्न, जन्म प्रमाण-पत्र, विवाह प्रमाण-पत्र इत्यादि के फायदे के विषय में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराया गया। साथ ही प्रशिक्षण सत्र के दौरान डाककर्मियों द्वारा पूछे गये मूलभूत सवालों का उत्तर उपलब्ध कराया गया।